▬▬▬ஜ अजित वाणी ஜ▬▬▬卐
जून 2020 रीतेश मिडला ®
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भाग्य के भरोसे बैठे रहने वाला
आलसी कहलाता है लेकिन जो
अपने भाग्योदय पुरुषार्थ शील
होता है वही जीवन में आनंद
एवं खुशियाँ पाता है।
प्रवचनांश(मुनिश्री अजितसागर जी)
जिनशासन के उज्ज्वल नक्षत्र श्रमण संस्कृति के जीर्णोद्धारक परम पूज्य संत शिरोमणी दिगम्बर सरोवर के राजहंस आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज गुरुदेव के परम प्रभावक आज्ञानुवर्ती शिष्य परम पूज्य प्रशममूर्ति,मुनिश्री
१०८ अजितसागर जी महाराज
श्रद्धेय ऐलक श्री १०५ दयासागर जी महाराज ,
श्रद्धेय ऐलक श्री १०५ विवेकानंदसागर जी महाराज ससंघ 3 पिच्छी,श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर शुजालपुर मंढी,(म.प्र.)में विराजमान है गुरु चरणों में बारम्बार नमोस्तु,नमोस्तु,
नमनकर्ता
® रीतेश , राजेश मिडला बीना( म:प्र)
मुनिश्री अजितसागर जी भक्त परिवार
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