वीर निर्वाण सम्वत -2547 -48 , विक्रम सम्वत – 2078
20 मई , 2021 गुरूवार , बैशाख माह , शुक्ल पक्ष, अष्टमी
वास्तु की चार में से तीसरी इकाई (घटक ) भवन में रहने वाले लोग है।
भवन में रहने वाले लोगो के बीच आपसी मन मुटाव , झगड़ा , वैमनस्य / ईर्ष्यालु के परिणामो से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है जिससे वास्तु के अनुरूप बने भवन की भी सकारात्मक ऊर्जा समाप्त होकर नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह तेज होने से भवन के निवासियों की परेशानिया दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाती है।
(यह वास्तु का तीसरा घटक बहुत ही महत्वपूर्ण है ) अतः परिवार में प्रेम वात्सल्य सफलता के पीछे बहुत बड़ी भूमिका है।
वर्तमान में कोरोना काल के कारण ऑनलाइन (वीडियो कॉल , भवन का नक्शा एवं कॉल ) के माध्यम से विजिट की जा रही है , जो होम विजिट के मुकाबले बहुत किफायती होती है।
(आधुनिक मशीनों द्वारा भूमि – भवन की ऊर्जा टेस्ट करवाइये )
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नक्षत्र -मघा
चन्द्र – सिंह
( आज जन्म लेने वाले बच्चो की सिंह तक होंगी
अभिजित – 11:56 से 12:51
राहुकाल -14:05 से 15:47
दिशा शूल – दक्षिण
अग्निवास- पाताल – 12:23 तक
सूर्योदय – 05:38
सूर्यास्त – 19:09
दिन का चौघड़िया >
शुभ – उत्तम
05:37 से 07:18
रोग – अमंगल
07:18 से 09:00
उद्वेग – अशुभ
09:00 से 10:42
चर – सामान्य
10:42 से 12:24
लाभ – उन्नति
12:24 से 14:05
अमृत – सर्वोत्तम
14:05 से 15:47Rahu Kalam
काल – हानि
15:47 से 17:29काल वेला
शुभ – उत्तम
17:29 से 19:10वार वेला
रात्रि का चौघड़िया >
अमृत – सर्वोत्तम
19:10 से 20:29
चर – सामान्य
20:29 से 21:47
रोग – अमंगल
21:47 से 23:05
काल – हानि
23:05 से 24:23+
लाभ – उन्नति
24:23+ से 25:42+काल रात्रि
उद्वेग – अशुभ
25:42+ से 27:00+
शुभ – उत्तम
27:00+ से 28:18+
अमृत – सर्वोत्तम
28:18+ से 29:36+
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राकेश जैन हरकारा
फ्यूचर वास्तु जयपुर
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