वीर निर्वाण सम्वत -2547 -48 , विक्रम सम्वत – 2078
21 मई , 2021 शुक्रवार , बैशाख माह , शुक्ल पक्ष, नवमी
क्या उत्तर – पूर्व की दिशा सबके लिए उत्तम फलदायी है ?
वास्तु में एक और भ्रान्ति है कि उत्तर-पूर्व की दिशा सबके लिए उत्तम है। भवन का वास्तु मानव की ऊर्जा से जुडा है इसलिए सबके लिए एक ही उर्जा फलदायक नहीं होती। किसी के लिए उत्तर-पूर्व तो किसी के लिए पश्चिम, या दक्षिण दिशा फलदायक होती है। इसको समझना और इस हिसाब से भवन का चयन और निर्माण करना अत्यंत आवश्यक है।
वर्तमान में कोरोना काल के कारण ऑनलाइन (वीडियो कॉल , भवन का नक्शा एवं कॉल ) के माध्यम से विजिट की जा रही है , जो होम विजिट के मुकाबले बहुत किफायती होती है।
(आधुनिक मशीनों द्वारा भूमि – भवन की ऊर्जा टेस्ट करवाइये )
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नक्षत्र -पूर्वाफाल्गुनी
चन्द्र – सिंह – 21:07 तक
( आज जन्म लेने वाले बच्चो की सिंह – 21:07 तकतक होंगी
अभिजित – 11:56 से 12:51
राहुकाल -10:42 से 12:24
दिशा शूल – पश्चिम
अग्निवास- पृथ्वी – 11:10 तक
सूर्योदय – 05:38
सूर्यास्त – 19:09
दिन का चौघड़िया >
चर – सामान्य
05:36 से 07:18
लाभ – उन्नति
07:18 से 09:00
अमृत – सर्वोत्तम
09:00 से 10:42वार वेला
काल – हानि
10:42 से 12:24काल वेला Rahu Kalam
शुभ – उत्तम
12:24 से 14:05
रोग – अमंगल
14:05 से 15:47
उद्वेग – अशुभ
15:47 से 17:29
चर – सामान्य
17:29 से 19:11
रात्रि का चौघड़िया >
रोग – अमंगल
19:11 से 20:29
काल – हानि
20:29 से 21:47
लाभ – उन्नति
21:47 से 23:05काल रात्रि
उद्वेग – अशुभ
23:05 से 24:23+
शुभ – उत्तम
24:23+ से 25:42+
अमृत – सर्वोत्तम
25:42+ से 27:00+
चर – सामान्य
27:00+ से 28:18+
रोग – अमंगल
28:18+ से 29:36+
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राकेश जैन हरकारा
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