विद्याधर से विद्यासागर

*☀विद्यागुरू समाचार☀* विद्याधर से विद्यासागर

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वर्षायोग:

केशरगंज (अजमेर) के नागरिकों का भाग्योदय था कि मुनिसंघ ने चातुर्मास की स्थापना वहाँ कर ली।

ज्ञानसागरजी का चातुर्मासी कार्यक्रम प्रारम्भ हो चुका था। लोग पल-पल का समय जोड़ते खड़े रहते, पर मुनिश्री का समय मुश्किल से ही मिल पाता।

जब गुरु का समय न मिलता, तो शिष्य का तो और भी न मिलता क्योंकि वे तो अपने गुरु की आज्ञा लेकर ही किसी को वार्तादि का समय दे पाते थे।

आयाप्रसिद्धपरिवार:

सदलगा से मल्लप्पाजी का परिवार केशरगंज के श्रावकों में आकर समा गया था। रोज चौके लगाए जाते, रोज आहारों का पुण्य अर्जित किया जाता, रोज खुशियों के दीपक जलाए जाते।

अनन्त अब तेरह-चौदह वर्ष के हो चुके थे, और शांतिनाथ बारह के, दोनों वैराग्य की महिमा को समझने का प्रयास कर रहे थे विगत वर्ष की भांति अजमेर की पुण्य-रजा-धरती पर।

पोस्ट-116…शेषआगे…!!!

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