
दमोह. राजस्थान के चांदखेड़ी से चलकर शनिवार सुबह मुनिश्री पुगंव सुधासागर महाराज का करीब ११ साल बाद ससंघ दमोह आगमन हुआ। मुनिश्री के शहर में प्रवेश से पहले जैन समाज के हजारों भक्त सागर मार्ग पर स्थित टोल नाका पहुंच गए और भव्य अगवानी की शुरूआत शहर से पांच किमी दूर से शुरू हुई। सागर नाका से लेकर शहर के बीचोंबीच प्रवचन स्थल उमामिस्त्री तलैया तक सैकड़ों जगहों पर रंगौली सजाई गई व बंधनवार बांधे गए। वहीं मुनियों के स्वागत के लिए जगह जगह पर महिला भक्तों की टोलियों ने सिर पर कलश रखकर अगवानी की। इस दौरान गाजे बाजे डीजे की धूम रही और शहर में सुबह का वातावरण धर्ममय हो गया। मुनिश्री ससंघ कथा स्थल पहुंचे और यहां इनका पूजन अर्चन हुआ। इसके बाद अन्य विधान पूरे किए गए। मुनि संघ केे समक्ष नस्मष्तक हुए हजारों भक्तों को मुनियों ने आशीष प्रदान किया। बता दें कि मुनि सुधासागर के संघ में मुनिश्रीमहासागर महाराज, मुनि निष्कंपसागर, छुल्लक गंभीरसागर, छुल्लक धैर्यसागर महाराज शामिल हैं। मुनिसंघ की आहारचर्या दमोह में हुई। आहारचर्या के लिए भक्तों द्वारा जगह जगह छापा चौका लगाए गए। इससे पहले मुनिश्री सुधासागर ने अपने मंगल प्रवचन दिए और लोगों को धर्म के प्रति आस्था रखने के लिए कहा।
अगले दो दिन में पहुंचेगे कुंडलपुर
बताया गया है कि मुनिश्री ससंघ दमोह आगमन के दिन ही कुंडलपुर की ओर विहार करेगें। संघ दो दिन में कुंडलपुर पहुंचेगा। बताया जाता है कि वर्षों बाद यह अवसर आया है, जब मुनिश्री सुधासागर आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के आह्वन पर उनसे मिलेंगे। सिद्धक्षेत्र कुंडलपुर में इस समय सवा तीन सौ से अधिक संत मौजूद हैं।