साधु जीवन मे उत्कृष्ट सल्लेखना संयम का सर्वोच्च शिखर कलश है समता पूर्वक मरण सल्लेखना समाधि मरण है
कागदीपुरा
तेरी छत्र छाया भगवन मेरे सिर पर हो मेरा अंतिम मरण समाधि तेरे दर पर होजीवन है पानी की बूंद कब मिट जावे रेदिन रात मेरे स्वामी यह भावना में भाऊ देहांत के समय तुमको न भूल जावूपंडित पंडित मरण हो ऐसा अवसर दोहर साधु इस भावना से दीक्षा लेते है कि उनकी उत्कृष्ट सल्लेखना श्रेष्ठ आचार्य के सानिध्य में किसी सिद्ध क्षेत्र अतिशय क्षेत्र पर होइस पावन भावना को साकार रूप मिला जब क्षपक मुनि श्री महित सागर जी की निर्विकल्प शांत परिणामों पूर्वक समता भाव से समाधि 60 से अधिक समाधि कराने में विशेषज्ञ निर्या पकत्व आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी सानिध्य में अतिशय क्षेत्र श्री छोटा महावीर जी कागदी पूरा जिला धार में दिनांक 17 मई को हुईजैन साधु शारीरिक बाधा कमजोरी तथा बीमारी के कारण आहार लेने में शरीर बाधक बनें तक नियम तथा यम सल्लेखना लेते है85 वर्ष की उम्र में मांगीतुंगी की यात्राकुछ माह पूर्व श्री महित सागर जी की 85 वर्ष की उम्र में पैदल वंदना की थी
जन्म नगरी डिगरज में सन 1943 में प्रथमाचार्य आचार्य श्री शांति सागर जी ने वर्षायोग किया था


अतिशय क्षेत्र निर्वाण भूमि बना
छोटा कागदी पूरा अतिशय क्षेत्र हैइस क्षेत्र में दिगम्बर मुनिराज की पहली समाधि है इस कारण यह अतिशय क्षेत्र जैन साधु की निर्वाण भूमि भी सहज बन गया हैक्षपक मुनिराज की विमान डोला यात्रा वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी संघ सानिध्य में मंदिर परिसर से प्रारम्भ हुईछोटा महावीर जी कागदी पूरा कमेटी के श्री विनय छाबड़ा श्री आशीष एवम श्री अजीत जैन ने बताया कि


कमंडल लेकर भूमि शुद्ध करने के पुण्यार्जक श्री जितेंद्र जी श्रीमती मोनिका श्री हर्ष जिरभार परिवार इंदौर रहेविमान डोले को सर्व प्रथम आगे श्री संजय कुमार श्री शांति लाल जी छाबड़ा परिवार आगे श्री भरत जी श्रीमती ऋतु जैन जिरभार आइरिस पार्क इंदौर को पीछे की ओर कंधे का सौभाग्य श्री विजय नितिन जी धामनोद परिवार को पीछे का अन्य कंधा का सौभाग्य श्री अजित श्री पवन श्री अंकित जी परिवार छाबड़ा परिवार बगड़ी को विमान डोला उठाने का सौभाग्य प्राप्त हुआसमाधि स्थल पर अग्नि संस्कार के पूर्व उल्टे क्रम से मुनि श्री का पंचामृत अभिषेक किया गया


उल्टे क्रम से सम्पूर्ण पंचामृत अभिषेक का सौभाग्य श्री भरत जी श्री जितेंद्र जी जिरभार आइरिस पार्क परिवार इंदौर को प्राप्त हुआ है
सर्व प्रथम शांति धारा की गई



फिर सुगंधित जल पुष्प केशर चतुष्कोण कलश सर्वोषधि दही दूध धी बुराचतुष्कोण कलश जल अभिषेक किया
गयाअग्नि संस्कार के पुण्यार्जक
अग्नि संस्कार का सौभाग्यश्री भरत जी श्री जितेंद्र जी जिरभार परिवार आइरिस पार्क इंदौर को प्राप्त हुआ
उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में विशाल आचार्य संघ पहली बार आया तथा सल्लेखना समाधि का भी पहला अवसर था पूरी रात्रि निकट वर्ती नगरों के समाज जनों ने णमोकार मंत्र का पाठ कियाइस अवसर पर नालछा बगड़ी मांडव धार धामनोद पीथमपुर इंदौर बड़वाह सनावद बेड़िया महेश्वर मंडलेश्वर बड़वानी बड़नगर बदनावर रतलाम महू सहित राजस्थान महाराष्ट्र कर्नाटक आदि राज्यो से भक्तों का आगमन हुआ
राजेश पंचोलिया इंदौर
वात्सल्य वारिधि भक्त परिवार से प्राप्त जानकारी
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमडी