वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी संघ सानिध्य में मान स्तम्भ का शिलान्यास सम्पन्न
छोटा महावीर जी कागदीपुरा धार
1008 श्री जी के समवशरण के सामने ऊँचा मान स्तम्भ बना होता है, इसकी यह विशेषता होती है कि इसे देख कर सभी का घमंड मान अभिमान सब गल नष्ट हो जाते है। शास्त्रों में यह उल्लेख है कि सभी मिथ्यादृष्टि मान स्तम्भ को देखकर सम्यक दृष्टि हो जाते है।
क्योंकि समवशरण में केवल सम्यक दृष्टि को ही प्रवेश की पात्रता होती है।
सुखद संयोग है कि श्री छोटा महावीर जी कमेटी की लगातार सतत गुरुभक्ति सफल हुई, और प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवती आचार्य श्री शांति सागर जी गुरुदेव की मूल बाल ब्रह्मचारी पट्ट परम्परा के पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महाराज का मंगल पावन पदार्पण ससंघ इस अतिशय क्षेत्र पर हुआ । श्री विनय छाबड़ा श्री आशीष जैन श्री अजित जैन ने बताया कि वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी का मंगल विहार राजस्थान के सुप्रसिद्ध अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी के लिए विहार चल रहा है। प्रबन्ध कमेटी के निवेदन पर वात्सल्य के धनी आचार्य श्री की ससंघ पावन उपस्तिथि में श्री दिलीप श्रीमती मधुरिमा श्री संकेत श्री महिका श्री संदेश एवम समस्त लुहाड़िया परिवार अंजली नगर इंदौर ने मान स्तम्भ के शिलान्यास श्री विमल जी शास्त्री धार के निर्देशन में किया।
कार्यक्रम में संघ की ओर से ब्रह्मचारी श्री गजु भैया, ब्रह्म पूनम दीदी, बगड़ी, मांडव, नालछा,धार से श्री सुरेश गंगवाल, श्री दिलीप गंगवाल, श्री पवन जैन,श्री पुष्पेंद्र गंगवाल तथा महिला मंडल की श्रीमती चेतना छाबड़ा, श्रीमती मनीषा,श्रीमती ममता छाबड़ा, आदि काफी श्रद्धालु उपस्तिथ रहे। मान स्तम्भ के शिलान्यास से समाज मे काफी उत्साह एवम खुशी है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में अस्थायी वेदी में भूगर्भ से वर्ष प्रगटित मूल नायक श्री महावीर स्वामी, श्री श्रेयांस नाथ, श्री आदिनाथ,श्री शांति नाथ भगवान भगवान तथा अन्य भगवान विराजित है।
जानकारीसन 2011 में भव्य मंदिर का शिलान्यास हुआ था अभी भी निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माणाधीन मूल नायक मंदिर के सामने मान स्तम्भ में चार ऊपर तथा चार नीचे प्रतिमाएं रहेगी।
राजेश पंचोलिया इंदौर
वात्सल्य वारिधि भक्त परिवार से प्राप्त जानकारी
अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमडी