संकल्प में बहुत बड़ी शक्ति होती है इससे अनेक धर्म प्रभावना के मनोरथ सिद्ध होते है। आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी

JAIN SANT NEWS कागदीपुरा

संकल्प में बहुत बड़ी शक्ति होती है इससे अनेक धर्म प्रभावना के मनोरथ सिद्ध होते है। आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी

कागदीपुरा

20 वी सदी के प्रारम्भ में मुनि धर्म लुप्त प्रायः हो रहा था, ऐसे समय प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवती आचार्य श्री शांति सागर जी ने दृढ़ संकल्प के साथ आगम अनुसार मुनि धर्म को सम्बल दिया। आज जितने भी मुनि साधु दिख रहे है यह आचार्य श्री शांति सागर जी की देन है। यह प्रभावशाली प्रेरक उदबोधन छोटा महावीर जी जैन मंदिर में वात्सलय वारिधि आचार्य श्री वर्धमान साग़र महाराज ने कहे।

प्रणाम साग़र महाराज ने की चरण वन्दना व लिया वात्सल्य वारिधि का आशीषअतियश कारी क्षेत्र में सुखद कड़ी जुड़ी, जब आचार्य श्री पुष्प दंत सागर जी महाराज के शिष्य आचार्य श्री प्रणाम सागर जी महाराज वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी के दर्शन एवम चरण वंदना हेतु पधारे। व आशीर्वाद लिया।आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महाराज ने श्री प्रणाम सागर जी महाराज को आशीर्वाद देकर सभा मे बताया कि आचार्य श्री प्रणाम सागर जी 48000 ध्वज पर श्री भक्ताम्बर लिखवा कर यह संकल्पित है कि भारत की संसद में इसका अवलोकन हो, इनका संकल्प सराहनीय है। इससे जैन धर्म की प्रभावना भारत ही नही विश्व मे होगी। इसके पूर्व दोनो आचार्य संघ के मिलन को देखने हेतु काफी श्रद्धालु उपस्थित थे। इस बेला में भाव विहंगम क्षण तब आए जबआचार्य श्री प्रणाम सागर जी महाराज ने भक्ति पूर्वक वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी की परिक्रमा लगाकर वंदना की,और नमोस्तु किया। फिर श्री प्रणाम सागर जी ने आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी के चरणों का पद प्रक्षालन किया।

आज ऐसा महसूस हो रहा है की आचार्य वर्धमान साग़र जी श्री महावीर के रूप में उपस्थित है प्रणाम सागर जी

श्री विनय छाबड़ा आशीष एवम अजित जैन ने बताया किआचार्य श्री प्रणाम सागर जी ने प्रवचन में कहा कि आज ऐसा महसूस हो रहा है कि,आज महावीर जी मे आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी श्री महावीर के रूप में उपस्थित है। आप सरलता की मूर्ति है, उन्होंने आगे कहा जहाँ सरलता होती है वहाँ समर्पण होता है। आप आचार्य श्री शांति सागर जी की परम्परा के पंचम पट्टाधीश है आप आगम की प्रतिमूर्ति है। आज के समय मे चतुर्थ कालीन परम्परा का कुशलता पूर्वक निर्वहन कर रहे है। इस अतिशय क्षेत्र में साधु की समाधि होने से यह क्षेत्र अब निर्वाण भूमि बन गया है।

राजेश पंचोलिया इंदौर वात्सल्य वारिधि भक्त परिवार से प्राप्त जानकारी

संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमडी

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