*नारेली के गंधोदक का चमत्कार सागर निवासी श्री हुकुमचंद जैन (बांदरी वाले) 31 दिसम्बर को अपने परिवार के साथ (कुल 4 सदस्य)
*नारेली* जा रहे थे।
*गुना के पास उनके साथ हुई दुर्घटना…
*3 को अपेक्षाकृत कम चोटें आईं, पर सुपुत्र संस्कार को गम्भीर चोट लगने से बेहोश हो गया।
*बंसल हॉस्पिटल*(भोपाल) में भर्ती किया। हालत को देखकर तुरन्त वेंटिलेटर लगाया। हालत बिगड़ती गई…और ‘संस्कार’ कोमा में चला गया…।
हरसंभव इलाज़ के बाद डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए।मुम्बई के लीलावती हॉस्पिटल में जाने को फ्लाइट की टिकिट बुक हुईं, अपॉइंटमेंट भी लिया।
जैसे ही उनके रिश्तेदार को पता चली ये घटना(जो कि उस समय नारेली में थे).
वो नारेली से गंधोदक लेकर बंसल हॉस्पिटल पहुँचे।*अतिशय घटित हुआ…
*अतिशयकारी जिनेन्द्र प्रभु के *अभिषेक का पवित्र गंधोदक* उन्होंने ‘संस्कार’ को लगाया…
*…लगभग 2 घण्टे बाद…*
*_संस्कार को होश आ गया_
*बहिन ने णमोकार मन्त्र सुनाने को कहा…
तो संस्कार ने पूरा सुना दिया.*डॉक्टर्स की टीम आश्चर्यचकित*सभी ने
*पूज्य मुनिपुंगव श्री सुधासागर जी* के चरणों में कृतज्ञता अर्पित की।
*(सत्य-प्रामाणिक घटना)*
कलम से- *सुरेन्द्र जैन”आज़ाद”*
*@रहली-पटनागंज*(म.प्र.)
(होश में आने के बाद का वीडियो संलग्न है)