जैन धर्म तीर्थ यात्रा

जैन धर्म तीर्थ यात्रा यात्रा

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#0️⃣4️⃣6️⃣जय जिनेन्द्र मित्रों, आज की भाववन्दना में चलते हैं, गुजरात राज्य में सौराष्ट्र के भावनगर जिले के अंतर्गत सोनगढ़ नामक स्थान पर । यह सीहोर शहर से 8 किमी और भावनगर शहर से 28 किमी दूर है। यहां मंदिर परिसर में आठ मंदिर हैं। स्वाध्याय मंदिर या अध्ययन मंदिर, 1937 में निर्मित मंदिर परिसर में पहला मंदिर है। यह मंदिर एक सफेद संगमरमर की संरचना है जिसमें पूज्य आचार्य कुन्दकुन्द की समयसार की गाथाओ को दीवारों पर उकेरा गया है, जो कि सुनहरे पत्ते पर बने है। इस महान ग्रंथ समयसार जी की प्रथम गाथा को बहुमूल्य रत्न आदि से लिखा गया है।#आओ_जैनधर्म_को_जानें भगवद् कुंदाकुंदाचार्य के समयसार, नियमसार, प्रवचनसार, पंचास्तिकाय और अष्टपाहुड़ ग्रंथों को सवा मीटर लंबी और लगभग पौन मीटर चौड़ी ४८८ मार्बल की पाटियों पर उत्कीर्ण कराकर लगाया गया है। यहां जिनेंद्र धर्मसभा में महाविदेह के विवरण के आधार पर विधमान सीमंधर स्वामी तीर्थकर के दिव्य उपदेश हॉल रूपी एक समवसरण है। मंदिर में वास्तविक सिद्धांत के ज्ञान के चित्रण के साथ भित्ति चित्र हैं ।

सोनगढ़ में भगवान बाहुबली की एक विशाल मूर्ति है जो सन् 2010 में स्थापित करी गई थी। इसकी ऊँचाई 41 फुट और चौड़ाई 14 फुट है।गोमतेश्वर बाहुबली की मूर्ति की आरम्भिक योजना 51 फीट की थी लेकिन इतनी बड़ी मूर्ति का परिवहन सम्भव नहीं था। मूर्ति विशेष ग्रेनाइट की है। दो साल तक इस पत्थर की खोज की गई जो अंततः कर्णाटक के कोइरा नामक स्थान पर मिला । राष्ट्रीय पुरस्कृत वास्तुशास्त्री अशोक गुडिगर की 10 लोगों की टीम ने 15 महीनों की मेहनत से इसे बनाया। इसकी लागत 1 करोड़ रु थी। 400 टन की इस मूर्ति को सोनगढ़ लाने के लिए 150 पहियों का विशेष वोल्वो वाहन बनवाया गया था । भारत सरकार की विशेष अनुमति से एक दिन में 20 किलोमीटर का सफ़र कर 45 दिन में यह सोनगढ़ पहुंची। रास्ते में जहाँ जहाँ से भी यह गुज़री, लाखों लोगों ने इसका स्वागत किया। कोई 1000 वर्ष बाद भारत में गुरुदेव कहांन के भक्तो ने इतनी विशाल मूर्ति का निर्माण कराया है। एक ऊँची पहाड़ी पर स्थापित होने के बाद 15 किलो मीटर दूर पालीताना तक से यह दिखाई देगी ।

यहाँ सीमंधर स्वामी दिगम्बर जैन मंदिर, समवसरण मंदिर, स्वाध्याय मंदिर और विशाल मानस्तंभ भी दर्शनीय हैं। पूज्य कांजी स्वामी ने सोनगढ़ में लगभग 40 वर्ष बिताए थे। और धर्म का प्रचार प्रसार किया ।

यहां पर आवास और भोजन की सुविधा है।सोनगढ़ पालीताणा से २२ किमी. है। रेलवे स्टेशन से सोनगढ़ डेढ़ किमी. है।भावनगर से स्थानीय परिवहन उपलब्ध है।ट्रेन: सीहोर जंक्शन रेलवे स्टेशनएयर: भावनगर एयरपोर्टएक बार इस पावन क्षेत्र के दर्शन अवश्य करें ।

आपका मित्र,सुलभ जैन (बाह)#आओ_जैनधर्म_को_जानें

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