राजस्थान जिले के उपरगाव के प्राचीन जीर्ण शीर्ण जिनालय का उद्धार करके समता साग़र महाराज ने बना दिया भव्य जिनालय
उपरगाँव
पूज्य आचार्य भगवन्त समता साग़र महाराज गुरुदेव की अनंत कृपा, आशीष, प्रेरणा,मार्गदर्शन से उपरगाँव प्राचीन जीर्ण शीर्ण जिनालय का उद्धार हुआ,औऱ बन गया भव्य जिनालय आचार्य श्री समतासागर जी के दृढ़ निश्चय व पुरुषार्थ का जीवंत अतिशय के रूप में जाना जा रहा है।

शाह मधोक जैन चितरी ने जानकारी देते हुए कहा की तपस्वी सम्राट आचार्य श्री सन्मति सागर महाराज व आचार्य श्री सिद्धान्त सागर महाराज के दिव्य नन्दन आचार्य श्री समतासाग़र गुरुदेव अटूट पुरुषार्थ व प्रेरणा देकर उपेक्षित जीर्ण शीर्ण हो चुके अनेकों जिनलायो का उद्धार करवा चुके है।पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा से सन 2017 से उपरगाव के अत्यंत प्राचीन किन्तु लगभग शीर्ण हो चुके जिनालय का जीर्णोद्धार प्रारम्भ करवाया,

पूज्य गुरुदेव की इतनी कृपा रही,जहाँ एक भी जैन घर नही फिर भी वहाँ उन्होनें वर्षायोग किया। एवम उनकी पावन प्रेरणा व प्रयास का ही प्रतिफल है की आज पांच वर्षों में वहां एक सुंदर मन्दिर आकार ले चुका है। पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा से मेवाड़ वागड के सिपुर,बस्सी,उपरगाव जैसे जिनालय जो 800 वर्ष से अधिक प्राचीन है वे सभी आज अमरता व उल्लास को प्राप्त कर चुके है।

सचमुच गुरुदेव समता की प्रतिमूर्ति तो है ही साथ ही उनके द्वारा जन जन के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। उनकी प्रेरणा से हुए जिनालय के जीर्णोद्धार का सारा जगत सदा सदा ऋणी रहेगा।
पूज्य गुरुदेव जी के श्री चरणों मे बारम्बार नमन

संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमडी