धर्म के बिना व्यक्ति का जीवन पशु के समान आर्यिका सूत्रमति माताजी
कुंभराज
परम पूज्या आर्यिका 105 सुत्रमति माताजी ने धर्म के विषय पर प्रकाश डाला उन्होने धर्म के बिना व्यक्ति का जीवन पशु के समान बताया आर्यिका श्री ने कहा धर्म से ही व्यक्ति महान बनता है उन्होने अहिंसा और करुणा का सन्देश देते हुए कहा की अहिंसा और करुणा के द्वारा ही सम्पूर्ण जगत को जीता जा सकता है कर्म से हमे स्वर्ग नरक की प्राप्ति होती है यदि हमारे कर्म बुरे है तो हमे नर्क और यदि सुकर्म है तो स्वर्ग की प्राप्ति होगी सुकर्म से ही स्वर्ग, भक्ति व ज्ञान की प्राप्ति के साथ ही ईश्वर की प्राप्ति भी होती है।
दिगंबर जैन मंदिर कुंभराज में प्रवचन सभा मे आर्यिका माताजी ने अपने विचार प्रवचन के माध्यम से व्यक्त किए। चातुर्मास के दाैरान माताजी के सानिध्य में समस्त धार्मिक आयाेजन किए जा रहे हैं। जिसमें नित्य प्रतिदिन भगवान की शांतिधारा, अभिषेक एवं प्रवचन के माध्यम से धर्म की गंगा बहाई जा रही है। कार्यक्रम के दौरान नव निर्वाचित अध्यक्ष विक्रम जैन एवं कार्यकारिणी के सदस्य सेवाएं दे रहे हैं।
संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी