अभावों को नहीं सदभाव की ओर देखना चाहिए– आर्यिकाश्री

JAIN SANT NEWS खनियाधाना

अभावों को नहीं सदभाव की ओर देखना चाहिए– आर्यिकाश्री

खनियाधाना

–एक संन्यासी किसी कारण से उदास निराश हो अवसाद में चलकर निराशा में डूबकर शहर से गांव की ओर जा रहा था कि उसे रास्ते में एक भिखारी मिला जो विकलांग होते हुए भी खुश था संन्यासी ने उसे देखा कि वह अंग हीन होकर भी खुश हैं और मेरे पास सब कुछ होकर भी मैं दुखी हो रहा हूं।

उसने भिखारी से पूछा कि तुम्हारी प्रसन्नता का कारण क्या है तो भिखारी कहता है कि जो मेरे हाथ में नहीं है उसके कारण मैं क्यों दुखी होऊ, जो मेरे पास है उससे में प्रसन्न हूं।विकलांग होते हुए भी प्रभु ने जगत को देखने और समझने का अवसर दिया ये क्या कम है। संन्यासी की इसे देख कर आंखे खुल गई। हमें अभावों की ओर नहीं सदभाव की देखना चाहिए। तब ही हम अपने जीवन को उन्नत बना सकते हैं। आप लोगों को मुनि पुंगव श्री सुधासागर महाराज के लिए प्रयास करना चाहिए।अब तो वे कुछ ही दूरी पर चातुर्मास कर रहे हैं। मुनिश्री को लाने के लिए भरपूर पुरुषार्थ करना चाहिए। उक्त उद्गार थूबॉनजी तीर्थ के निकट ही खनियांधाना में विराजमान आर्यिकारत्न श्री विज्ञान मति माताजी ने व्यक्त किए

थूबोनजी को अपना सान्निध्य प्रदान करें

इसके पहले अतिशय क्षेत्र थूबोनजी से पैंतालीस किलोमीटर की दूरी पर विराजमान आर्यिकारत्न श्री विज्ञान मति माताजी, आर्यिकाश्री आदित्य मति माताजी, आर्यिकाश्री चरणमति माताजी, आर्यिका श्री शरणमति माताजी, आर्यिकाश्री सुवीरमति माताजी ससंघ के चरणों में थूबोनजी कमेटी के महामंत्री विपिन सिंघी, मंत्री विनोद मोदी, प्रचार मंत्री विजय धुर्रा, संजीव जैन, रिक्कूओडेर, सुनील जैन, सोनू सहित अन्य भक्तों ने श्री फल भेंट किए। प्रचार मंत्री विजय धुर्रा ने कहा कि माता जी आपने विहार करते हुए थूबोनजी को वहुत नजदीक से छोड़ दिया था,अब चातुर्मास के उपरांत थूबोनजी के लिए अपना सान्निध्य प्रदान करें।

हमारी दृष्टि कैसी है यह देखना होगा

उन्होंने कहा कि हमारी दृष्टि कैसी है यह हमें ही देखकर अपनी दृष्टि को सुधारना अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक नवाकर कार्य को अंजाम देना सीखना होगा।

पद के गौरव के अनुसार काम करना चाहिए

उन्होंने कहा कि संयम से कर्मों की निर्जरा होगी, पूजन पाठ के साथ निर्जरा नहीं होती ये परम्परा से मोक्ष का कारण है।इसलिए पांच अणुव्रत को धारण कर पद का गौरव रखना चाहिए आपने अणुव्रत लिए तो इस पद के अनुसार काम करना चाहिए।

संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमडी

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