चार दिवसीय रक्षा महामंडल विधान के अंतर्गत 200 महाअर्घ समर्पित किये
शाढ़ौरा
श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर में सोमवार से चार दिवसीय उपसर्ग हरण रक्षा बंधन महामंडल विधान प्रारभ हुआ। महामंडल विधान के प्रथम दिन आर्यिका संघ के सानिध्य में 200 महाअर्घ्य द्वारा विष्णु कुमार महा मुनिराज एवं अकंपनाचार्य आदि 700 मुनिराजों की पूजा की गई। अकलंक पाठशाला की बहिनों ने बताए गए विधान के मंडल के समक्ष महाअर्घ्य समर्पित किए गए। चार दिवसीय महामंडल विधान मे सात वलयों में 700 महाअर्घ्य समाहित हैं।
मंडल विधान का महत्व बताया माताजी ने
मंदिर मे आयोजित महामंडल विधान के अवसर पर धेर्मसभा को संबोधित करते हुए आर्यिका 105 अमूल्य मति माताजी ने बताया कि अठारहवें तीर्थंकर श्री अरहनाथ स्वामी के शासन काल में इन 700 मुनिराजों पर राजा बलि के द्वारा किए गए उपसर्गों का निवारण विष्णु कुमार महा मुनिराज ने अपनी विक्रिया ऋद्धि के माध्यम से किया गया था। उस खुशी में श्रावकों ने प्रसन्नता पूर्वक मुनिराजों को खीर आदि का आहार दिया एवं हर्ष मनाते हुए पकवान आदि एक दूसरे को खिलाए एवं धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र बांधकर संकल्पित हुए। उसी परंपरा का निर्वाहन करने के लिए श्रमण संस्कृति रक्षा दिवस के रूप में यह पर्व मनाने की रीति चली आ रही है। विधान के आयोजन के पहले सुबह मंदिर में श्री जी का अभिषेक एवं वृहद शांतिधारा की गई। शांतिधारा के बीजाक्षरों का वाचन आर्यिका आराध्य मति माताजी ने किया। शांतिधारा करने का सौभाग्य पुष्पा प्रमोद कुमार मोदी परिवार को मिला। मंडल पर प्रथम अर्घ राजेन्द्र कुमार प्रमोद कुमार हलवाई एवं राजेंद्र कुमार वैभव कुमार गोयल परिवार ने समर्पित किया।
संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी