#जैन #तीर्थ #भाववन्दना #
जय जिनेन्द्र जी,
आज की भाव वंदना में चलते हैं, भोपाल से मात्र 18 किमी दूर, एक ऐसे अद्भुत तीर्थक्षेत्र पर जहाँ का इतिहास बहुत प्राचीन है, कभी पूरे क्षेत्र में 52 भव्य जिनालय हुआ करते थे । अब 1932 में जीर्णोद्धार के बाद 1 मन्दिर ही शेष है ।
करीब 1200 वर्ष पूर्व 9-10 वीं सदी में, राजा पाड़ाशाह जो कि दिगम्बर जैन के अनुयायी थे । एक बार वह व्यापार के सिलसिले में इस क्षेत्र में आये, उस समय उनके पास लोहे आदि धातुओं का सामान था ।
माना जाता है, इस स्थान पर एक पारसमणि के संपर्क से पूरा सामान स्वर्ण में बदल गया था, तत्पश्चात उन्होंने इस स्थान पर ही 52 भव्य जिनालयों को बनवाया । वर्षों बाद यहां मुगलों के आक्रमणों में समसगढ़ के सभी मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया, और प्रतिमाओं को खंडित कर दिया गया, जिनकी मौजूदगी आज भी इस क्षेत्र पर है।यहां की भव्यता का अनुमान आप शेष बची प्रतिमाओं की दिव्यता से लगाया जा सकता है,, जिनबिम्बो का अविरल तेज सहज ही मन को प्रफुल्लित करता हैं ।प्राचीन जैन मंदिर में श्री १००८ कुंथुनाथ भगवान की खड्गासन प्रतिमाजी, मूलनायक प्रतिमा शांतिनाथ भगवान और अरहनाथ भगवान हैं। यहां भगवान श्री पार्श्वनाथ जी की मनोहर प्रतिमा जी विराजमान हैं ।
#आओ_जैनधर्म_को_जानें
यहां वर्ष 1932, भोपाल निवासी श्री जुम्मालाल पन्नालाल जैन ने यहां एक मंदिर का जीर्णोद्धार कराया ।
स्थानपता: श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र, समसगढ़,
जिला-भोपाल (मध्य प्रदेश)
ग्राम/नगर: समसगढ़,
तहसील: हुजूर, जिला: भोपाल,
राज्य: मध्य प्रदेश,
देश: भारत, पिनकोड: 462044
मंदिर जी का समयसुबह: सुबह 5:30 से शाम: 8:30 बजे,कैसे पहुंचा जाये?समसगढ़ भोपाल जिले का एक गाँव है। यह हुजूर तहसील और फंदा ब्लॉक में स्थित है। गांव में एक जैन मंदिर है। यह भोपाल से 18 किलोमीटर दूर है।
ट्रेन: भोपाल जंक्शन रेलवे स्टेशनएयर: भोपाल एयरपोर्टइस पावन क्षेत्र का दर्शन अवश्य करें ।नमनकर्ता
सुलभ जैन (बाह)Sulabh Jain _________________________________________
#Aao_JainDharm_Ko_Jaanein
#आओ_जैनधर्म_को_जानें
#jainism
#jain
#jaintemple



















