धम्म शरण गच्छामि या सिद्ध शरण गच्छामि के स्थान पर इंसान भोजन शरण गच्छामि या पत्नी शरणम् गच्छामि कहता है मुनि श्री संथान सागर महाराज
बडवानी
पूज्य मुनि श्री 108 संथान सागर जी महाराज ने सिद्चक्र महामंडल विधान की बेला मे कहा धम्म शरण गच्छामि या सिद्ध शरण गच्छामि के स्थान पर इंसान भोजन शरण गच्छामि या पत्नी शरणम् गच्छामि कहता है पूज्य मुनि श्री की वाणी सभी को नयी नव ऊर्जा का संचार कर रही है उन्होने अपने प्रवचन मे आराधना क्या है आराधना क्यों आराधना किनकी करना इन चारो मुख्य बिंदु पर अपना उद्बोधन दिया आराधना ही हमारे कष्टों को मिटाने का एक सशक्त माध्यम है आगे भक्ति की शक्ति को बताते हुए कहा की इसके द्वारा ही हमे मुक्ति की युक्ति दिखाई देती है
ग्रहस्थ जीवन मे इन 9 बातो को करे तो मानव करे तो मानव महामानव बन सकता है
पूज्य मुनि श्री ने ग्रहस्थ जीवन को सुखी रखने 9 बातो पार विशेष ध्यान दिलाया और कहा इनसे छुटकर ईंसान सुखी हो सकता हैगुरु भक्ति, धर्मात्मा से प्रीती, सत पात्रो को दान,दुसरो का हित करना ,करुणा भाव, तत्वाभास, अपने वृतो की द्रढ़ता, व निर्मल द्रष्टि इन गुणों को जीवन मे धारण कर मानव महामानव बन सकता है
संकलन अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी