अतिशय ,जन्म ,समाधि,दीक्षा स्थली शान्तिवीर नगर महावीर जी मे हुईं चार आर्यिका दीक्षाएं।
श्री महावीरजी
आज चार दीक्षाए संपन्न हुई जिनके नाम गुरुदेव ने नामकरण किये इनके नाम अब साधना दीदी का अब आर्यिका 105 श्री निर्मोह मति जी









नेहा दीदी बनीआर्यिका 105 श्री
विश्वयशमति माताजी,दीप्ति दीदी को अब आर्यिका 105 पद्म यशामति माताजी पुनम दीदी को
आर्यिका 105 श्री दिव्य यशामति माताजी के नाम से जाना जाएगा
राजस्थान सरकार के राजकीय अतिथि 73 वर्षीय वात्सल्य वारिधि पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी संयम वर्ष का 54 वा वर्षायोग 30 साधुओं सहित अतिशय क्षेत्र महावीर जी में कर रहे हैं
वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी ने दीक्षा स्थली श्री महावीर जी मे चार दीक्षाएंप्रथमाचार्य चारित्र चक्रवती आचार्य श्री शांतिसागरजी की अक्षुण्ण मूल बाल ब्रह्मचारी पट्ट परम्परा के पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी वर्ष 2022 का वर्षायोग श्री महावीर जी अतिशय क्षेत्र में कर रहे है इस बेला में दिनांक 5 अक्टूबर 2022 को 7 प्रतिमा धारी साधना दीदी वर्ष 60 का आर्यिका दीक्षा के बाद नूतन नाम आर्यिका श्री निर्मोह मति जी बाल ब्रह्मचारिणी नेहा दीदी 36वर्ष का नूतन नाम 105आर्यिकाश्री विश्व यश मति जी माताजी नामकरण किया गया।
26 वर्षीय सनावद निवासी दीप्ति दीदी का नाम आर्यिका श्री पद्म यशा मति जी तथा बाल ब्रह्मचारिणी पुनम दीदी का नाम आर्यिका श्री दिव्ययश माताजी दिया गया।
इसके पूर्व दीक्षार्थियों की शोभा यात्रा श्री वर्द्धमान सागर सभागार महावीर जी से श्री शान्ति वीर नगर के सभा गार में पहुँची । यहाँ पर आचार्य श्री वर्द्धमान सागर चातुर्मास कमेटी , श्री शान्ति वीर नगर प्रबंध कमेटी तथा श्री महावीर जी महामस्तकाभिषेक समिति के संयुक्त तत्वाधान में दीक्षा समारोह कार्यक्रम सभागार में आयोजित किया।
कार्यक्रम का मंगलाचरण हर्षित जैन सिकंदराबाद किया आचार्य श्री शांति सागर जी के चित्र अनावरण श्री बिमल जी महेंद्र पाटनी उरसेवा किशनगढ़ द्वारा किया गया।दीप प्रज्वलन श्री संजय जी पुनीत जी पापड़ीवाल किशनगढ़ ने किया राज कुमार जी कोठारी श्री राजकुमार जी सेठी जयपुर अध्यक्ष आचार्य श्री वर्द्धमान सागर वर्षायोग समिति ने बताया कि
भगवान श्री महावीर स्वामी तथा प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवती आचार्य श्री शांति सागर जी एवम पूर्वाचार्यो को अर्ध्य समर्पित विभिन्न नगरों से पधारी समाज द्वारा किया गया।सौभाग्यशाली
परिवार की 5 महिलाओं द्वारा चोक पूरण की क्रिया की गई।दीक्षार्थी ने आचार्य श्री ने दीक्षा की याचना की तथा आचार्य श्री एवम समस्त साधुओ दीदी भैया श्रावक श्राविकाओं तथा समाज से क्षमा याचना की।वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी के पंचामृत से चरण प्रक्षालन का सौभाग्य श्री परिवार को मिला। वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री को शास्त्र भेंट के पुण्यार्जक श्री रहे। आचार्य श्री का प्रवचन हुआ।इस बेला में आचार्य श्री के द्वारा दीक्षार्थी के पंच मुष्ठी केशलोच किये गए तथा दीक्षा संस्कार मस्तक तथा हाथों पर किये गए। इसके बाद आचार्य श्री ने नामकरण किया।
का दीक्षा पश्चात नूतन नाम 105 श्री माताजी किया गया । पुण्यार्जक गृहस्थ अवस्था परिवार द्वारा नूतन मुनि श्री जी को पिच्छी कमंडल शास्त्र भेंट किये गए।
इसी प्रकार का दीक्षा उपरांत नूतन नाम 105 माताजी किया गया।
पुण्यार्जक परिवार द्वारा पिच्छी कमंडल शास्त्र एवम कपड़े भेंट किये गए।कार्यक्रम का सुंदर एवम प्रभावशाली संचालन श्री प्रशांत जैन ने किया।
आज प्रातः 5 बजे चारो दीक्षार्थियों के केशलोच हो रहे थे, तब सभी वैराग्यमयी पलों से सभी द्रवित हो रहे थे। परिजनों के दोनों नेत्रों में एक नेत्र में खुशी के आंसू दूसरे नेत्र में दुख के आंसू भी थे। वैराग्य भजनों से वातावरण वैराग्यमयी हो रहा था।
संघस्थ माताजी के अलावा आर्यिका105 श्री सरस्वतीमति माताजी आर्यिका श्री सृष्टि भूषण माताजी ने भी दीक्षार्थियों के केशलोचन किये
परिजनों एवम अन्य भक्त जिन्हें केशलोच झेलने का अवसर मिला। वह अपने को पुण्यशाली मान रहे है। दीक्षार्थियों के मंगल स्नान के बाद दोनों ने पंचामृत अभिषेक कर भगवान का पंचामृत अभिषेक किया
उल्लेखनीय है कि अभी तक आचार्य श्री ने 94 दीक्षाएं दी है। गजु भैया ,राजकुमार सेठी ,राजेश पंचोलिया ने दीक्षार्थी बहनों के परिचय में बताया कि जिस प्रकार श्री आदिनाथ भगवान ने उनके पुत्रों पुत्रियों पोतों ने दीक्षा ली। उसी प्रकार एक संयोग पुनः बना कि पिता मुनि श्री चारित्र सागर जी ,भाई मुनि श्री श्रेष्ठ सागर जी तथा भतीजी आर्यिका श्री महायशमती जी के संयम वैराग्य पद चिन्हों पर 7 प्रतिमा धारी साधना दीदी ने चलने के लिए वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी को दीक्षा हेतु रत्नत्रय रूपी तीसरी बार श्रीफल चढ़ाया। आपने 2 प्रतिमा 15 जुलाई 2021 तथा 7 प्रतिमा के नियम 29 अगस्त 2022 को आचार्य श्री से महावीर जी मे हो रही दीक्षा समारोह में ग्रहण किये।
आप विगत 3 वर्षों से संघ में बुआजी के नाम से जानी जाती है। एक संयोग आपका जन्म आषाढ़ सुदी दूज को हुआ है जो आचार्य श्री का आचार्य पदारोहण दिवस है।
श्रीमती सरिता राकेश जी देहली की पुत्री बाल ब्रह्मचारणी नेहा दीदी स्नातक ग्रेज्युट है। C A चार्टर्ड एकाउंटेंट प्रथम वर्ग की शिक्षा ली है। वर्ष 2011 में आजीवन ब्रहचर्य व्रत आचार्य श्री विद्या भूषण श्री सन्मति सागर जी से लिये।दो प्रतिमा के नियम पूज्य आर्यिका श्री सृष्टि भूषण माताजी से वर्ष 2016 में ग्रहण किये।आप विगत 15 वर्षों से आर्यिका श्री सृष्टि भूषण माताजी के संघस्थ होकर 5 वर्षो से निरंतर आचार्य श्री संघ संपर्क में है।
श्रीमती भारती अविनाश जैन सनावद मध्यप्रदेश की बाल ब्रह्मचारणी पुत्री दीप्ति दीदी का जन्म 12 सितम्बर 1996 को हुआ।
लौकिक शिक्षा B A तक प्राप्त कर घर पर चैत्यालय तथा धार्मिक पुस्तकालय होने से स्वाध्याय की गहन रुचि रही ।
पारिवारिक दादा दादी माता8 पिता संस्कारो ने वेराग्यमयी वातावरण मिला आपने 22 अगस्त 2015 को निवाई राजस्थान में पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी से आजीवन ब्रहचर्य व्रत लेकर संघ में शामिल हुए।
श्रीमती कनकलता निर्मल जी बाकली वाल कोटा की 26 वर्षीय पुत्रीपूनम दीदी बचपन कालेज का नाम निशा किंतु जन्म वैशाख शुक्ला पूनम को हुआ। निशा की रात्रि सदैव के लिए पूनम की चांदनी में परिवर्तित हुई। ओर आपका जीवन स्वर्ण मयी निर्मल हुआ।
शान्तिवीर नगर की 24 वी दीक्षा
श्री महावीर जी एवम शान्तिवीर नगर मे अभी तक 25 दीक्षाएं हो चुकी है। जिसमे 5 दीक्षाएं महावीर जी मे तथा 20 दीक्षाएं शान्तिवीर नगर में पूर्व में हुई है।
सन 1966 में दितीय पट्टाधीश आचार्य श्री शिव सागर जी ने 6 दीक्षाएं ,सन 1969 में तृतीय पट्टाधीश आचार्य श्री धर्म सागर जी ने 11दीक्षाएं ,सन1974 में आचार्य कल्प श्री श्रुत सागर जी ने मुनि श्री समता सागर जी को मुनि दीक्षा एक दीक्षा,सन 1998 में आर्यिका श्री सुपार्श्व मति जी ने एक दीक्षा ,तथा वर्ष 2018 में आचार्य श्री चैत्य सागर जी ने एक दीक्षा दी है
आचार्य श्री की अतिशय क्षेत्र में 24 वी दीक्षा
आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी ने अभी तक 94 दीक्षाओ में से अतिशय क्षेत्रों में 23 दीक्षाएं दी है जिसमे श्रवण बेलगोला में 17 बिजोलिया पार्श्वनाथ में 2 तथा महावीर जी मे पूर्व में 4 दीक्षाएं दी है।
समाधि भूमि शान्तिवीर नगर
श्री शान्तिवीर नगर में सन 1969 में आचार्य श्री शिव सागर जी की
सन 1999 में श्री धैर्य सागर जी की तथा वर्ष 2018 में एक समाधि हुई है।
जन्म भूमिश्री महावीर जी को यह गौरव प्राप्त है कि नगर के पांड्या परिवार की बेटी की सन 1969 में महावीर जी मे दीक्षा होकर आर्यिका श्री गुण मति जी बनी है
राजेश पंचोलिया इंदौर
वात्सल्य वारिधि भक्त परिवार
संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमडी