दीक्षा से पूर्व केशलोचन के क्षण
श्री महावीर जी


























वह पल आ गए जब एक नहीं 4
जैनश्वरी दीक्षा हो रही है श्री महावीरजी वर्तमान स्थान है जहां पूज्य वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर महाराज की मुनि दीक्षा संपन्न हुई थी आज वहां एक नहीं चार आर्यिका दीक्षाए संपन्न होने जा रही हैं
वह क्षण जो हर किसी को भावुक कर देंगे ऐसे क्षण प्रातः बेला में
देखने को मिले जब दीक्षार्थी दीदियों द्वारा स्वयं के हाथों केशो का लोचन किया स्वयंम के हाथों केशो का लुचन करना कोई सहज बात नहीं है सच में यह भावुक कर देने वाले क्षण होते हैं साधना के





प्रस्तर बन मोक्ष गामी बनने हेतु साधना दीदी, दीप्ति दीदी, नेहा दीदी पूनम दीदी आज संसार मार्ग से विरक्त हो मोक्ष पथ की ओर बढ़ते हुए आर्यिका दीक्षा की ओर अग्रसर हैं। संयम पथ पर बढ़ते हुए यह बहने अपनी मानव देह को धन्य कर रही है। केशलोच दे प्रशम संस्कार की निशानी देख देख आए अंखियों में पानी
अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमडी