जैन #तीर्थ #भाववन्दना #
जय जिनेंद्र मित्रो, आज की हमारी भाववन्दना एक ऐसे अद्भुत व दुर्लभ तीर्थ-क्षेत्र की है, जिसे कभी अनुकूल पहचान ही न मिल सकी, वरन मन्दिर की निर्माण शैली व प्रतिमाओं की दिव्यता देखकर लगता है, कि कभी यहाँ बड़ी संख्या में जैन समाज का आधिपत्य रहा होगा
इस स्थान पर चतुर्थ काल की श्री आदिनाथ भगवान की महा अतिशयकारी प्रतिमा जी विराजमान है #जैनधर्मतीर्थ_यात्रा
तीर्थ क्षेत्र का पूरा पता
ग्राम – ढेंचा, पोस्ट – ओबरी,
तहसील – सागवाड़ा
जिला – डूंगरपुर, राजस्थान
आइये, पूर्ण जानकारी के साथ इस मंदिर की भाववन्दना करते हैं । यह विशाल मंदिर लगभग 1400 वर्ष पूर्व राजस्थान के डूंगरपुर जिले के ढेंचा गाँव मे स्थित है । यहां दो जिनमंदिर स्थित है, जहां भगवान श्री आदिनाथ जी व भगवान श्री पार्श्वनाथ जी की अति दुर्लभ प्रतिमा विराजित हैं ।
यहां की स्थानीय मान्यता के अनुसार इस गाँव के एक कुएं से खंडित अवस्था मे प्राप्त हुई थी, फिर साधर्मीजनो ने उस प्रतिमा को मन्दिर में रख दिया था ।
एक दिन ओवरी के जैन पाठशाला के एक साधर्मी भाई श्री मगनलाल जी दर्शनार्थ मन्दिर पहुंचे । उन्होंने वहां श्रावकों को समझाया कि खंड़ित प्रतिमा पूजनीय नही होती, इसे विसर्जित कर दिया जाए ।
उसी रात को पंडित जी निद्रा की अवस्था मे खाट से गिरे, मानो उन्हें किसी ने उठा दिया हो । तदुपरांत उसी रात्रि में, पंडित जी ने स्वप्न भी देखा, जिसमे उन्हें ज्ञात हुआ कि अगर प्रतिमा को गुड़ व घी के साथ रख दिया जाए तो वह प्रतिमा पुनः जुड़ जाएगी ।
दूसरे दिन उन्होंने श्रावकों को वाकया बताया, तब सभी ने प्रतिमा जी को स्वप्न अनुसार ही रख दिया, कुछ दिनों बाद आश्चर्य जनक रूप से प्रतिमा पुनः जुड़ गई, आज भी प्रतिमा जी पर जुड़ाव के निशान हैं । #आओजैनधर्मको_जानें
मन्दिर जी विराजित प्रतिमाएं –
श्री आदिनाथ भगवान, श्री शांतिनाथ भगवान, श्री पार्श्वनाथ भगवान व श्री महावीर भगवान जी की प्रतिमाएं यहां हैं ।
सिद्धान्त चक्रवर्ती तपस्वी सम्राट आचार्य श्री १०८ सन्मति सागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से एवं परम् पूज्य विदुषी गणिनी आर्यिकारत्न १०५ श्री सौभाग्यमति माताजी की पावन प्रेरणा से यहां पर भव्य जिनालय मानस्तम्भ, भव्य सिंहद्वार, गुरु मन्दिर, सन्त भवन, वातानुकूलित धर्मशाला, सुविधा युक्त भोजनशाला एवं जिन वेदियों का कार्य पूर्णता को प्राप्त हुआ है।
यहां पर यात्रियों के लिए वातानुकूलित धर्मशाला व सुविधायुक्त भोजनशाला की व्यवस्था उपलब्ध हैं ।
उदयपुर से दूरी – 137 किमी लगभग
गूगल लिंक
Jain mandir Dencha
https://maps.app.goo.gl/kqXVYuas7BXSKLXJA
राजस्थान की जैन तीर्थ यात्रा में इस स्थान के दर्शन अवश्य करें । जीवन मे एक बार इस अतिशयकारी व अद्भुत तीर्थ क्षेत्र के दर्शन अवश्य करे ।
आपका मित्र,
सुलभ जैन (बाह)
Sulabh Jain (Bah, Distt. – Agra)
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