कुआ चलकर प्यासे के पास,गुरुदेव उठकर गए भक्त के पास
जी हां यह चरितार्थ हुआ वहां जहां वात्सल्य वारीधी मौजूद हो
श्री महावीर जी
में चर्चा कर रहा हूं 92 वर्षीय अत्यधिक बीमार श्री रतन लाल मोदी कोलकत्ता की जो चिकित्सा के लिए जयपुर बड़के बालाजी जयपुर आए हैं विगत दिनों इन्होंने जिद की कि मुझे पंचम पट्टाधीश
वात्सल्य वारीधी आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महाराज के दर्शन करना है। इनके छोटे भाई श्री पवन मोदी उन्हें एंबुलेंस से अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी लाए। राष्ट्र गौरव आचार्य श्री से परिजनों ने हालात बताकर दर्शन एवम आशीर्वाद हेतु निवेदन किया। आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी सहज रूप से स्वयं 92 वर्षीय बीमार भक्त को दर्शन देने चलेआए। दृश्य से परिजनों को बहुत खुशी हुई।
गुरुदेव के आशीर्वाद के बाद भोजन की नली भी अब हट गई हैं। इनका सीकर में एक चैत्यालय भी है वर्तमान में कोलकाता में निवास रत है।
ऐसा वात्सल्य और करुणा बहुत ही कम देखने को मिलता है,धन्य हो गुरुदेव । इसी कारण आपको वात्सल्य वारीधी कहते और मानते भी है। पूज्य गुरुदेव एक नही अनेकों बार अपने नाम वात्सल्य वारिधि की सार्थकता को सिद्ध कर चुके है।
नमोस्तु गुरुदेव
राजेश पंचोलिया इंदौर वात्सल्य भक्त परिवार ।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमडी