हजारों मधु मक्खी का छत्ता सैकड़ों उड़ी भी पर चमत्कार हुआ आचार्य श्री के मंत्रों चार से उपसर्ग दूर हुआ
श्री महावीर जी
विगत दिनों 3 अक्टूबर को श्री शांतिवीर नगर महावीर जी में वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज संघ सानिध्य में 1008 श्री शांतिनाथ भगवान के समक्ष 1008 विशेष द्रव्यों से चार दीक्षार्थी साधना दीदी ,नेहा दीदी , दीप्ति दीदी तथा पूनम दीदी द्वारा विशेष पूजन की जा रही थी ।
अनायास मंदिर परिसर में लगे मधुमक्खी के छत्ते से सैकड़ों मधुमक्खियां उड़ी, जिसमें से मुनि श्री चिंतन सागर जी मुनि श्री प्रबुद्ध सागर जी तथा दीक्षार्थी साधना दीदी नेहा दीदी तथा श्रावक गण प्रिंस जैन राजाखेड़ा समर कंठाली और अजय पंचोलीया इंदौर लविश पंचोलिया इंदौर श्रीमती शालू मनीष जी देहली को मधुमक्खियों ने काटा।
तब आचार्य श्री अडिग अविचल रहे।उसी समय वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज ने महावीराष्टक शांति भक्ति भक्तामर पाठ का वाचन कुछ श्लोक का वाचन किया मधुमक्खी के उपसर्ग के 5 मिनट बाद ही सभी मधुमक्खियां शांत हो गई।
और हजारों की भीड़ में अन्य किसीको भी क्षति नहीं पहुंची।यही नहीं अगले दिन 4 अक्टूबर को उसी स्थान पर पुनः 1008 श्री शांतिनाथ भगवान का पंचामृत महामस्तकाभिषेक तथा गणधर वलय विधान की पूजन आचार्य श्री सानिध्य में हजारों की उपस्तिथि में हुई। मधुमक्खीया पुनः उड़ी पर किसी को क्षति नहीं हुई।
5 अक्टूबर को भी शान्तिवीर नगर में दीक्षाये हुई।ऐसे होते हैं चमत्कार वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी के जो सहज रूप से होते हैं सभी को अटूट विश्वास था कि गुरुदेव है तो चिंता किस बात कीनमोस्तु भगवन नमोस्तु गुरुदेव प्रत्यक्षदर्शी
राजेश पंचोलिया इंदौर से प्राप्त जानकारी
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमडी