संसार को पार लगाने वाले देव शास्त्र और गुरु हैं नीरज सागर महाराज
खुरई
पूज्य मुनि श्री नीरज सागर महाराज ने कल्पद्रुम महामंडल विधान के अंतर्गत अपने उद्बोधन में कहा कि संसार से बाल लगाने वाले देव शास्त्र गुरु हैं इन तीनों प्रदान करना सम्यक दर्शन चलाता है सम्यक दर्शन समय ज्ञान और समय चरित्र इन तीनों को धारण करके परमात्मा से मिलन किया जा सकता है अथवा यही तीन आत्मा को परमात्मा बनाते हैं।
उन्होंने कहा कि साधु साधना में जुटे हैं लोकप्रिय बनने में नहीं। लोकप्रिय बनने की चाहत साधुओं की साधना में बाधक होती है आपा खो जाना मानसिक कमजोरी है खुद पर काबू पा जाना आध्यात्मिक साधना है सहयोग परोपकार की भावना व्यक्ति के विशाल हृदय की परिचायक है सामंजस्य बनाकर चलने से मानसिक तनाव उत्पन्न नहीं होता।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी