सागवाड़ा की महज 11 साल की ओंशी शाह ने किया योग नृत्य, पिछले एक साल से कर रही है योगाभ्यास

JAIN SANT NEWS सागवाड़ा

योग नृत्य में, संगीत, योग और नृत्य तीनों ही क्रिया मन व मस्तिष्क को रखती है स्वस्थ

सागवाड़ा। 5000 साल पुरानी शैली है योग, बीते कुछ सालों से योग के प्रति लोगों की लोकप्रियता बढ़ी है। अक्सर योगासन से जुड़ी जानकरी यंग या सीनियर सिटीजन के लिए देखी या पढ़ी जाती है, लेकिन महामारी के समय बड़े फैमेली योगा ट्रेंड में बच्चों में भी योग के प्रति रुचि बढ़ी है। साथ ही हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के लिए योग गेम की तरह है। बच्चों के लिए योग 5 या 6 साल की उम्र से शुरू कर देना चाहिए।

ऐसे ही सागवाड़ा की ओंशी शाह महज 11 साल की है, व एक साल पहले ही योग में रुचि दिखाते हुए योगाभ्यास शुरू किया। आज स्कूल, व कार्यक्रम में योग प्रशिक्षण दे रही है। ओंशी बताती है मां सुची शाह -पापा शिरीष शाह(प्राशू), दादा नरेंद्र शाह -दादी प्रेरणा शाह से मिली योग करने की प्रेरणा। मां और दादी को योग करते हुए छुटपन से देख रही हू। जब उनके साथ योग करना शुरू किया तो लगा अच्छा और पहले से ज्यादा एनर्जी व रिलैक्सेशन मिला तो तय किया कि योग सीखना है। एक साल पहले ऑनलाइन योग प्रशिक्षण लेना शुरू किया। इतना ही नहीं मुझे नृत्य का भी शौक है तो मैंने अपनी कम्पोजीशन खुद बनाई और योग के साथ नृत्य की कंपोजिशन बना कर योग नृत्य करना शुरू किया। ओंशी की दादी प्रेरणा शाह बताती है पूरा परिवार सेवा कार्य में अग्रसर है जिसकी वजह से ही बचपन से ही ओंशी की रुचि योग और सेवा कार्य में है।

– वर्तमान में आचार्य आदिसागर अंक्लिकरण अंतरराष्ट्रीय जागृति की राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं, यह पद मुझे 2018 में सुनील सागर महाराज जी ने यह पद दिया।

– इसके पहले महावीर इंटरनेशनल की पूर्व अध्यक्ष रही हूं इस दौरान कई रक्तदान कैम्प, वृक्षारोपण जैसे सेवा कार्य किए।

– अब तक 18 बार रक्त दान कर चुकी हूं।

– हुमड़ समाज की प्रथम महिला अध्यक्ष रही हूं जहां हमने 5 साल समाज का काम किए।

– संत आहार- विहार की व्यवस्था में अग्रसर।

– वाटिका में गौशाला बनाई गई जिसके अंतर्गत गायों की सेवा और बीमार गायों का इलाज कराया जाता है

– श्रीफल फाउंडेशन से जुड़ी है।

योग नृत्य

–कहते है योग शारीरिक व्यायाम व सांस की क्रियाओं का अनूठा मिश्रण है जो शरीर को स्वस्थ व मन को शांत रखने में सहायक है। यह एक प्राचीन तकनीक है जो नर्तक का भाव भंगिमाओं की अभिव्यक्ति की कुशलता प्रदान करती है। इससे शरीर लचीला व आकर्षक बनता है और नर्तक के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। योग एक प्रकार का धीमी गति का नृत्य है जो शरीर को आवश्यकता के समय अधिक शक्ति व क्षमता प्रदान करता है। नृत्य, योग व संगीत तीनों ही क्रिया स्वस्थ और मन को शांत रखने के लिए सहायक होती है, ऐसे में तीनों का एक साथ होना स्वास्थ्य को ही ठीक नहीं रखता बल्कि मन व मस्तिष्क को भी स्वस्थ और शांत करता है।

बच्चों की योग लिस्ट में यह आसन हो शामिल –

प्राणायाम

बालासन

ताड़ासन

वृक्षासन

भुजंगासन

धनुरासन

सुखासन

योग के फायदे –

– बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक है योगासन।

– बच्चों के लिए योगासन नियमित करने से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।

– बॉडी को फ्लैक्सिबल बनाये रखने में सहायक है योगासन।

– बच्चों में होने वाले स्ट्रेस को दूर करने व रिलेक्स रखने में सहायक है योग।

– बच्चों के शैक्षिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने है योग।

नोट – वहीं अगर बच्चे को कोई हेल्थ कंडीशन है जैसे हार्ट प्रॉब्लम, माइग्रेन, सिरदर्द या फिर नींद नहीं आने की समस्या है, तो ऐसी स्थिति में पहले डॉक्टर से कंसल्ट करें और फिर बच्चों को योग करने के लिए प्रेरित करें।साथ ही पेरेंट्स अपनी या प्रशिक्षक की निगरानी में बच्चों को योगाभ्यास कराएं, ध्यान रहे कि बच्चों को कोई भी आसन जरूरत से ज्यादा ना करवाएं।

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