पवई जैन समाज के राष्ट्र संत आचार्य विद्यासागर जी महाराज द्वारा संलेखना समाधि लेकर छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ तीर्थ क्षेत्र में समाधि प्राप्त की गई। महाराज श्री को देशभर में नमन कर संतों, जैन समाज तथा देशवासियों द्वारा विन्यांजलि दी जा रही है। पवई में मुनि प्रणम्य सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में भावपूर्ण श्रद्धाजलि अर्पित कर उन्हें याद किया गया। अभिषेक भइया द्वारा आचार्य श्री की अष्ट द्रव्य से पूजन कराया गया तथा विन्यांजलि देते हुए कहा कि त्याग, तपस्या साधना और सरलता से गुरूवर द्वारा भारत नहीं बल्कि विश्व को सत्या अंहिसा और करूणा का संदेश दिया। मुनि प्रणम्य सागर महाराज ने कहा कि आचार्य श्री बढ़ती उम्र के साथ नई चेतना दिव्यता और तपस्या से जीवन को चमकाया। कड़ी साधना से उनके चेहरे की सौदर्यता और चमक में निखार आ गया था। आचार्य श्री जैनियों के नहीं बल्कि जन-जन के हृदय में वास करने वाले संत थे।
गायत्री परिवार ने यज्ञ हवन कर दी विन्यांजलि
आचार्य विद्यासागर जी महाराज की समाधि को लेकर गायत्री परिवार पवई द्वारा गायत्री सत्संग भवन पवई में गायत्री मंत्रों के साथ यज्ञ हवन किया गया। ऐसे तपस्वी राष्ट्रीय संत को कोटि-कोटि नमन प्रणाम विद्यासागर जी महाराज अमर रहे नारे लगाते हुए गायत्री परिवार के सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखते हुए भावभीनी विन्यांजलि अर्पित की गई।