● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय●

● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 17 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 17ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर गइ-परिणयाण धम्मोपुग्गल-जीवाण गमण-सहयारी।तोयं जह मच्छाणंअच्छंता णेव सो णेई।।17।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Feel free to share this great opportunity to your Friends & Family Subscribe to our YouTube Channel for regular […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 16 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 16ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर सद्दो बंधो सुहुमोथूलो संठाण भेद तम छाया।उज्जोदादव-सहियापुग्गल-दव्वस्स पज्जाया।।16।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Please share it with your Friends & Family Subscribe to our YouTube Channel for regular swadhyay👇: https://www.youtube.com/channel/UCoOiSbLWUY99TNDJIz33zGA For any […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 15 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 15ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर अज्जीवो पुण णेओपुग्गल-धम्मो अधम्म आयासं।कालो पुग्गल मुत्तोरूवादि-गुणो अमुत्ति सेसा दु।।15।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Please share it with your Friends & Family Subscribe to our YouTube Channel for regular swadhyay👇: https://www.youtube.com/channel/UCoOiSbLWUY99TNDJIz33zGA […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 14 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 14ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर णिक्कम्मा अट्ठ-गुणाकिंचूणा चरम-देहदो सिद्धा।लोयग्ग-ठिदा णिच्चाउप्पाद-वएहिं संजुत्ता।।14।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Please share it with your Friends & Family Subscribe to our YouTube Channel for regular swadhyay👇: https://www.youtube.com/channel/UCoOiSbLWUY99TNDJIz33zGA For any queries or […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 13 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 13ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर मग्गण-गुण-ठाणेहि यचउदसहि हवंति तह असुद्धणया।विण्णेया संसारीसव्वे सुद्धा हु सुद्धणया।।13।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Please share it with your Friends & Family Subscribe to our YouTube Channel for regular swadhyay👇:https://www.youtube.com/channel/UCoOiSbLWUY99TNDJIz33zGA For any […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 12 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 12ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर समणा अमणा णेयापंचिंदिय णिम्मणा परे सव्वे।बादर-सुहमेइंदीसव्वे पज्जत्त इदरा य।।12।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Please share it with your Friends & Family विशेष : आज से द्रव्यसंग्रह स्वाध्याय की post सुबह 10 […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 11 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 11ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर पुढवि-जल-तेय-वाऊवणप्फदी विविह-थावरेइंदी।विग-तिग-चदु-पंचक्खातस-जीवा होंति संखादी।।11।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Please share it with your Friends & Family Subscribe to our YouTube Channel for regular swadhyay👇:https://www.youtube.com/channel/UCoOiSbLWUY99TNDJIz33zGA For any queries or to Join the […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 10 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 10ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर अणु-गुरु-देह-पमाणोउवसंहारप्पसप्पदो चेदा।असमुहदो ववहाराणिच्छय-णयदो असंखदेसो वा।।10।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Please share it with your Friends & Family Subscribe to our YouTube Channel for regular swadhyay👇: https://www.youtube.com/channel/UCoOiSbLWUY99TNDJIz33zGA For any queries or to […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 09 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 09ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर ववहारा सुह-दुक्खंपुग्गल-कम्मप्फलं पभुंजेदि।आदा णिच्छय-णयदोचेदण-भावं खु आदस्स।।9।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Please share it with your Friends & Family Subscribe to our YouTube Channel for regular swadhyay👇: https://www.youtube.com/channel/UCoOiSbLWUY99TNDJIz33zGA For any queries or […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 08 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 08ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर पुग्गल-कम्मादीणंकत्ता ववहारदो दु णिच्छयदो।चेदण-कम्माणादासुद्ध-णया सुद्ध-भावाणं।।8।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Full playlist द्रव्यसंग्रह | आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेव | गाथा 01-58 | शुद्ध पाठ | शब्दार्थ | व्याकरणिक विश्लेषण | व्याख्या नए सदस्यों […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 07 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 07ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर वण्ण रस पंच गंधादो फासा अट्ठ णिच्छया जीवे।णो संति अमुत्ति तदोववहारा मुत्ति बंधादो।।7।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Full playlist द्रव्यसंग्रह | आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेव | गाथा 01-58 | शुद्ध पाठ | […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 06 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 06ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर अट्ठ चदु णाण दंसणसामण्णं जीव-लक्खणं भणियं।ववहारा सुद्धणयासुद्धं पुण दंसणं णाणं।।6।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Full playlist द्रव्यसंग्रह | आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेव | गाथा 01-58 | शुद्ध पाठ | शब्दार्थ | व्याकरणिक […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 05 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 05ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर णाणं अट्ठ-वियप्पंमदि-सुदि-ओही अणाण-णाणाणि।मणपज्जय-केवलमविपच्चक्ख-परोक्ख-भेयं च।।5।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Full playlist द्रव्यसंग्रह | आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेव | गाथा 01-58 | शुद्ध पाठ | शब्दार्थ | व्याकरणिक विश्लेषण | व्याख्या नए सदस्यों के […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 04 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 04ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर उवओगो दुवियप्पोदंसण-णाणं च दंसणं चदुधा।चक्खु अचक्खू ओहीदंसणमध केवलं णेयं।।4।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Full playlist द्रव्यसंग्रह | आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेव | गाथा 01-58 | शुद्ध पाठ | शब्दार्थ | व्याकरणिक विश्लेषण […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 03 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 03ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर तिक्काले चदुपाणाइंदिय-बलमाउ-आणपाणो य।ववहारा सो जीवोणिच्छयणयदो दु चेदणा जस्स।।3।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें➡️ Full playlist द्रव्यसंग्रह | आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेव | गाथा 01-58 | शुद्ध पाठ | शब्दार्थ | व्याकरणिक विश्लेषण | […]

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।।भव्य जैनेस्वरी दीक्षा।।

।।भव्य जैनेस्वरी दीक्षा।। ।।श्री सिद्ध क्षेत्र शिखर जी ।। 1◆ ब्र स्वातंम भैया जी – मुनि श्री108 निर्ग्रन्थ सागर जी महाराज 2◆ ब्र बृजेश भैया जी – मुनि श्री 108निर्मोह सागर जी महाराज 3◆ब्र अविरल भैया जी – मुनि श्री 108 निसंग सागर जी 4◆ ब्र संजय भैया जी – मुनि श्री 108निवृत्त सागर जी […]

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।।भव्य जैनेस्वरी दीक्षा।।

।।भव्य जैनेस्वरी दीक्षा।। ।।श्री सिद्ध क्षेत्र शिखर जी से।। जिनवाणी चैनलऔरyou tube चैनलविशुद्ध देशना लाइव।।।लिंक https://youtu.be/p9_m8ept5uA 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻।।जिनवाणी चैनल के पुण्यार्जक परिवार।।श्री आनंद जैन राज श्री जैन मनोज जैन दीप्ति जैन दिव्य जैन भव्य जैन आदर्श रेसीडेंसी भोपाल रोड लेहदरा नाका साग़र (म.प्र)🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁You tube चैनल के पुण्यार्जक परिवार है श्री संतोष कुमार जी, चंदा बाई जैन […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Video 04 : : गोम्म्टेश स्तुति : : छंद 07 – 08स्तुतिकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धांत चक्रवर्तीप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर आसां ण जो पोक्खदि सच्छदिट्ठी,सोक्खे ण वंछा हय-दोस-मूलं।विराय-भावं भरहे विसल्लं,तं गोम्मटेसं पणमामि णिच्चं।।7।। उपाहि-मुत्तं धण-धाम-वज्जियं,सुसम्म-जुत्तं मय-मोह-हारयं।वस्सेय-पज्जंतमुववास-जुत्तं,तं गोम्मटेसं पणमामि णिच्चं।।8।। भगवान गोम्म्टेश्वर बाहुबली की विश्व प्रसिद्ध स्तुति का पहली बार एक […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Video 03 : : गोम्म्टेश स्तुति : : छंद 05 – 06स्तुतिकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धांत चक्रवर्तीप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर लया-समक्कंत-महासरीरं,भव्वावली-लध्द-सुकप्परुक्खं।देविंद-विंदच्चिय-पाय-पोम्मं,तं गोम्मटेसं पणमामि णिच्चं।।5।। दियंबरो जो ण च भीइ-जुत्तो,ण चांबरे सत्तमणो विसुद्धो।सप्पादि-जंतुप्फुसदो ण कंपो,तं गोम्मटेसं पणमामि णिच्चं।।6।। भगवान गोम्म्टेश्वर बाहुबली की विश्व प्रसिद्ध स्तुति का पहली बार एक एक शब्द […]

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● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Video 02 : : गोम्म्टेश स्तुति : : छंद 03 – 04स्तुतिकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धांत चक्रवर्तीप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर सुकण्ठ-सोहा जिय-दिव्व-संखं,हिमालयुद्दाम-विसाल-कंधं।सुपेक्खणिज्जायल-सुट्ठु-मज्झं,तं गोम्मटेसं पणमामि णिच्चं।।3।। विंज्झायलग्गे पविभासमाणं,सिहामणिं सव्व-सुचेदियाणं।तिलोय-संतोसय-पुण्ण-चंदं,तं गोम्मटेसं पणमामि णिच्चं।।4।। भगवान गोम्म्टेश्वर बाहुबली की विश्व प्रसिद्ध स्तुति का पहली बार एक एक शब्द से अर्थ को समझने के लिए […]

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