भोपाल में बोले थे मुनिश्री – देश को इंडिया नहीं, भारत कहें

भोपाल में भी श्री दिगंबर जैन समाज के लोगों सहित अन्य समाज के लोग भी आचार्यश्री को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. आचार्यश्री का भोपाल में तीन बार आना हुआ. वह वर्ष 2000 में पहली बार भोपाल के टीटी नगर जिनालय के पंचकल्याणक महोत्सव में पधारे थे. तब वह टीटी नगर जिनालय के पंचकल्याणक महोत्सव में […]

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वर्धमान सागर जी महाराज महान संतो की बात ही है कुछ निराली हैप्रकृति भी प्रमुदित होकर करती है उनकी सहायता।

वर्धमान सागर जी महाराज महान संतो की बात ही है कुछ निराली हैप्रकृति भी प्रमुदित होकर करती है उनकी सहायता।।संस्मरणपरम पूज्य वात्सल्य वारिधि आचार्य108 श्री वर्धमान सागर जी महाराज (ससंघ) का मंगल विहार चलरहा था । 30 नवम्बर 2006आचार्य श्री संघ का पॉन्डिचेरी में मंगल प्रवेश हुआ। वहाँ29 नवम्बर के पहले तक लगातार वर्षा होती […]

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🔅कैसे हुई मुनिदीक्षा ?🔅

*📿🔅कैसे हुई मुनिदीक्षा ?🔅📿* मुनिश्री ओमकारसागर जी महाराज 💠 संस्मरण गुरुमुख से 💠 *प्रतिदिन प्रातः 8 बजे, नया संस्मरण* पुण्योदय विद्यासंघ यूटयूब चैनल पर 🔅 नया चैनल सब्सक्राइब कीजिये www.youtube.com/punyodaya2 – – – – – – -* 🔅 कल सुनिए नया संस्मरण👇 “आचार्यश्री की तपस्या है प्रतिभास्थली, दयोदय और पूर्णायु” – मुनिश्री पूज्यसागर जी महाराज* […]

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🥁संस्मरण🥁

शेयर 🤗 #विद्याधरसेविद्यासागर (किताब)😍 अंतर्मन_की साज-सज्जा: वह एकान्त (सुनसान) प्रेमी है। उसे एकान्त में रमने / जमने में आनंद आता है। नगर में तीन मंदिर है पर वह उस मंदिर में अधिक जाता जिसके भीतर अलग-अलग कोनों में कई एकान्त स्थल हैं। वहाँ, किसी एक तरफ, घंटों एकान्त में बैठकर चिंतन करता रहता है। उसके […]

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🥁संस्मरण🥁

शेयर 🤗 #विद्याधरसेविद्यासागर (किताब)😍 माता के लिए साड़ी – शांता को वह क्षण याद आ जाता है अचानक, जब युवक विद्याधर सांगली के बाजार जा रहे थे और माँ कह पड़ी थीं-‘वहाँ तक जा रहा है तो मेरे लिए एक सस्ती सी साड़ी लेते आना। ‘सस्ती’ शब्द पर बिदके थे विद्याधर फिर बोले सस्ती वस्ती […]

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🥁संस्मरण🥁

संस्मरण😍 #विश्वास🤗 #अनुभूत_रास्ता- मुनिश्री #कुन्थुसागर जी महाराज🙏 उस समय सारा संघ नेमावर में साधनारत् था। गर्मी का समय था, रात्रि में 12 बजे तक गरम हवा चलती थी। रात्रि में नींद नहीं ले पाते थे। कुछ महाराजों ने आचार्य महाराज से निवेदन किया कि- हम लोग नदी में जाकर रेत में रात्रि विश्राम करने के […]

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🥁संस्मरण🥁

शेयर 🤗 #विद्याधरसेविद्यासागर (किताब)😍 एक फिल्म मल्लप्पाजी के मन में शुरू थी। वे देख रहे थे कि उनका बेटा चित्रकार बन गया है। १५ से १८ वर्ष की उम्र का वह सफर, विद्या का, झूल गया पिता की आँखों में वह किसी दिन लोकमान्य तिलक का चित्र बनाता है, तो किसी दिन सुभाषचन्द्र बोस की […]

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🥁संस्मरण🥁

संस्मरण😍 #शांतिकामार्ग🤗 #अनुभूत_रास्ता- मुनिश्री #कुन्थुसागर जी महाराज🙏 संसार में प्रत्येक प्राणी सुख-शांति चाहता है और दुःख क्लेश से बचना चाहता है। चाहे वह चींटी से लेकर विशालकाय हाथी ही क्यों न हो सुख-शांति सभी को प्रिय है। लेकिन, वह उस प्रिय वस्तु शांति से बहुत दूर है। वह दुनियां के पर-पदार्थों में शांति की खोज […]

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🥁संस्मरण🥁

शेयर 🤗 #विद्याधरसेविद्यासागर (किताब)😍 हृदय कक्ष के दृश्य- श्रवणबेलगोला के पावन-शोर से दूर, मल्लप्पाजी और श्रीजी चिन्तातुर थे सदलगा में कहने को वे सदलगा में थे पर हृदय-मन कहीं और था उनका। यों घर में योग्य संतान की कमी नहीं थी। बाईस वर्षीय महावीर बाबू को देखकर तन-मन जुड़ा जाता था माता पिता का, तेरह […]

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🥁संस्मरण🥁

शेयर 🤗 #विद्याधरसेविद्यासागर (किताब)😍 पुनः एक सोच गोमटेश का –दूर बाहुबली जी की प्रतिमा के पास जयघोषों से आकाश बार-बार भर जाता था, दर्शक टकटकी लगायें कभी प्रतिमा जी की ओर तो कभी मुनि संघों की ओर देखते । बाहुबली के दर्शन, पंचतत्त्वों का गंधोधक और तीर्थराज श्रवणबेलगोला का धर्ममय वातावरण, मल्लप्पाजी और श्रीजी को […]

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🥁संस्मरण🥁

संस्मरण😍 #उज्ज्वलविनोद🤗 #अनुभूतरास्ता- मुनिश्री #कुन्थुसागर जी महाराज🙏 भोपाल में पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव सानंद नहीं बल्कि निर्विघ्न सानंद सम्पन्न हो गया। क्योंकि जिस कार्य में गुरु का आशीर्वाद हो और उन्हीं का साक्षात् सान्निध्य प्राप्त हो उस कार्य की सफलता में संदेह करना व्यर्थ ही है। वहाँ संदेह को स्थान ही नहीं मिल सकता। पंचकल्याणक के […]

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🥁🥁संस्मरण🥁🥁

संस्मरण😍 #गुरुकीछाँव🤗 #अनुभूत_रास्ता- मुनिश्री #कुन्थुसागर जी महाराज🙏 बड़े महाराज की बातों में बड़ा यानि महान राज रहता है, बहुत बड़ा रहस्य छुपा होता है। उनकी वाणी से सूत्र वाक्य निकलते हैं। यदि उनका अर्थ लगाया जाए तो बहुत बड़ा उपदेश उस सूत्र वाक्य के माध्यम से प्राप्त हो जाता है जो बिखरे जीवन को एक […]

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🥁🥁संस्मरण🥁🥁

संस्मरण😍 #उपहार🤗 #अनुभूत_रास्ता- मुनिश्री #कुन्थुसागर जी महाराज🙏 रक्षाबंधन पर्व, वात्सल्य दिवस भारतीय संस्कृति में महान धार्मिक पर्व माना जाता है। इस दिन धर्म तीर्थ एवं धर्मात्माओं की रक्षा का संकल्प लिया जाता है। साधर्मी भाई-बहनें इस दिन इक-दूजे की कलाई में रक्षा सूत्र (राखी) बांधा करते हैं। इस दिन वात्सल्य भाव से मीठा आदि खिलाकर […]

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🥁🥁संस्मरण🥁🥁

संस्मरण😍 #जलमेंभिन्नकमलहैं🤗 #अनुभूत_रास्ता- मुनिश्री #कुन्थुसागर जी महाराज🙏 पाप से बचने के लिए दशों दिशाओं में आवागमन की सीमा बांध ली जाती है। जिसे दिग्व्रत कहते हैं। दिग्व्रत के माध्यम से निष्प्रयोजन पाप से बच जाते हैं। दिशाओं की सीमा बांध लेने पर उसके आगे या बाहर के पाप से पूर्ण रूप से मुक्त हो जाते […]

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🥁🥁संस्मरण🥁🥁

संस्मरण😍 #ज्ञातादृष्टा🤗 #अनुभूतरास्ता- मुनिश्री #कुन्थुसागर जी महाराज🙏 किसी सज्जन ने आचार्य महाराज से शंका व्यक्त करते हुए कहा कि- हे गुरुदेव! पिच्छिका ग्रहण करते ही, दीक्षा लेते ही, इतनी सी उम्र में मुनिराजों में इतनी गंभीरता कैसे आ जाती है ? आचार्य भगवन्त ने शंका का समाधान करते हुए कहा – पिच्छिका में ऐसा ही […]

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🥁🥁संस्मरण🥁🥁

#संस्मरण#परीषह_जय#अनुभूत_रास्ता– मुनिश्री #कुन्थुसागर जी महाराजसिद्धोदय सिद्ध क्षेत्र नेमावर में सारा संघ विराजमान था। आचार्य भगवन्त के श्रीमुख से तत्त्वार्थ सूत्र ग्रंथ का वाचन हम सभी लोग सुन रहे थे। नवम अध्याय के आठवें सूत्र का व्याख्यान करते हुए कहा कि-मार्ग से स्खलित न हो पायें एवं निर्जरा स्थान बना रहे। इसके लिए साधक को हमेशा […]

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🥁संस्मरण🥁

🥁संस्मरण🥁 गर्मी का समय था। दिन में गरम लू चलती थी एवं जमीन भी गरम रहती थी। तापमान लगभग 45 डिग्री के ऊपर ही होगा। उन दिनों सारा संघ विदिशा नगर के स्टेशन मंदिर में विराजमान था। आचार्य महाराज न कभी सर्दी देखते, न गर्मी। जब जो आवश्यक कार्य होते हैं। उसे उसी समय कर […]

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🥁संस्मरण🥁

🥁संस्मरण🥁शीतकाल में भोजपुर क्षेत्र पर सारा संघ विराजमान था। प्रकृति के बीचों-बीच श्री शांतिनाथ, कुंथुनाथ और अरनाथ भगवान का मंदिर है। मंदिर प्रांगण से ही लगा हुआ जंगल है, बहुत विशाल-विशाल चट्टानें हैं। चारो ओर हरियाली ही हरियाली नजर आती है। वहाँ बैठते ही ध्यान लग जाता है, ध्यान लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। वहीं […]

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🥁🥁संस्मरण🥁🥁

🥁🥁संस्मरण🥁🥁 गर्मी का समय था, भोपाल में महावीर जयंती मनाने के उपरांत संघ का विहार नेमावर की ओर हो गया। शाम को 5 बजे के उपरांत विहार होता क्योंकि लू चलती थी, जमीन भी गरम रहती थी। दूसरे दिन सुबह एक स्थान पर रुकना हुआ। प्रात: 9:45 पर आहार चर्या के पूर्व आचार्य महाराज शुद्धि […]

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