अभावों को नहीं सदभाव की ओर देखना चाहिए– आर्यिकाश्री

अभावों को नहीं सदभाव की ओर देखना चाहिए– आर्यिकाश्री खनियाधाना –एक संन्यासी किसी कारण से उदास निराश हो अवसाद में चलकर निराशा में डूबकर शहर से गांव की ओर जा रहा था कि उसे रास्ते में एक भिखारी मिला जो विकलांग होते हुए भी खुश था संन्यासी ने उसे देखा कि वह अंग हीन होकर […]

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