आदरणीय सादर जय जिनेंद्र
आदरणीय सादर जय जिनेंद्र
*पाण्डुलेख संरक्षण – पेपरमेशी – प्रशिक्षण*पाण्डुलेख कागज, छाल, धातु, ताड़ के पत्ते अथवा किसी अन्य सामग्री पर कम से कम 75 वर्ष पहले हस्त लिखित संयोजन को कहते हैं जिसका धार्मिक, वैज्ञानिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, आयुर्वेदिक सौंदर्यपरक आदि विषयान्तर्गत महत्त्व हो | ऐसे किसी भी धर्म, इतिहास से जुड़ा कोई भी […]