भोजन ही औषधि है, ऋतु के अनुसार हो भोजनचर्या – आचार्य कनकनन्दी

भीलूड़ा (राजस्था.) भोजन ही औषधि है। रासायनिक बदलाव के कारण ऋतु के अनुसार भोजन नहीं करने पर वह जहर बन जाता है। तुम्हारा शरीर वह है, जो तुम खाते हो ‘एज यू थिंक सो बिकम’- जैसा आप सोचते हैं, वैसा आप बन जाते हैं। यह बात आचार्य श्री कनकनंदी ने प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने […]

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वह निरोगी है जो हितकर भोजन ऋतु के अनुसार करता है कनकन्दी गुरुदेव

वह निरोगी है जो हितकर भोजन ऋतु के अनुसार करता है कनकन्दी गुरुदेव भीलूड़ा परम समता धारी आचार्य कनक लनंदी गुरुदेव ने अंतरराष्ट्रीय वेबीनार ने बताया कि वह निरोगी है जो हितकर भोजन ऋतु के अनुसार करता है। भोजन के बाद केवल 100 कदम चलना चाहिए उससे अधिक नहीं चलना चाहिए। जिनवाणी रूपी अमृत आचार्य […]

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प्रकृति का विशेष ज्ञान विज्ञान है कनकनदी गुरुदेव

प्रकृति का विशेष ज्ञान विज्ञान है कनकनदी गुरुदेव भीलूड़ा स्वाध्याय तपस्वी वैज्ञानिक धर्माचार्य कनकनंदी गुरुदेव ने बताया कि प्रकृति का विशेष ज्ञान विज्ञान है। काल, समय, प्रकृति का ध्यान रखते हुए विशेष ध्यान पूर्वक आहार देना, उपकरण देना विज्ञान हैं। ज्ञान आत्मा का स्वभाव हैं। “knowledge is supreme light”जिस आहार से राग, द्वेष, मद, भय,असंयम,रोग,दुखउत्पन्न […]

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जो परम आकिंचन्य बन जाते हैं वही परम सिद्ध बन जाते हैं। कनकनंदी गुरुदेव

जो परम आकिंचन्य बन जाते हैं वही परम सिद्ध बन जाते हैं। कनकनंदी गुरुदेव भीलूड़ा अभिनव श्रुत केवली वैज्ञानिक धर्माचार्य कनक नंदी गुरुदेव ने अंतरराष्ट्रीय वेबीनार में बताया कि जो परम आकिंचन्य बन जाते हैं वही परम सिद्ध बन जाते हैं संपूर्ण परिग्रह त्याग श्रेष्ठ है परंतु ऐसा नहीं कर पाते हैं तो भोग उपभोग […]

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अहंकार मनुष्य को नीच गति में ले जाता है कनकन्दी गुरुदेव

अहंकार मनुष्य को नीच गति में ले जाता है कनकन्दी गुरुदेव भीलूड़ा । आत्मज्ञानी वैज्ञानिक धर्माचार्य कनक नंदी गुरुदेव ने अंतरराष्ट्रीय वेबीनार में बताया कि आत्मज्ञान, वीतराग विज्ञानता बिना धर्म का चोला पहनकर धर्म का ढोंग मान कषाय के कारण करना यह दोष होता है। अहंकार मनुष्य को अनेक नीच गतियो में ले जाता है। […]

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जितने जितने अंश में पर को, मोह को छोड़ते जाओगे उतने उतने अंश मे आत्मा के निकट पहुंचेंगे। कनकन्दी गुरुदेव

जितने जितने अंश में पर को, मोह को छोड़ते जाओगे उतने उतने अंश मे आत्मा के निकट पहुंचेंगे। कनकन्दी गुरुदेव भीलूड़ा समता शिरोमणि आचार्य रत्न कनक नंदी गुरुदेव ने अंतरराष्ट्रीय वेबीनार में बताया कि जितने जितने अंश में पर को, मोह को छोड़ते जाओगे उतने उतने अंश मे आत्मा के निकट पहुंचेंगे। शरीर को छोड़ […]

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अनादी काल से जीव परिग्रह के कारण दुखी है कनकनन्दी गुरुदेव

अनादी काल से जीव परिग्रह के कारण दुखी है कनकनन्दी गुरुदेव भीलूड़ा कलिकाल समंतभद्र आचार्यकनकनंदी गुरुदेव ने अंतरराष्ट्रीय वेबीनार में बताया कि अनादि काल से जीव परिग्रह के कारण दुखी है। चारों गतियों में अनंत दुख सहन कर रहा है। शत्रु, मित्र, भाई, बहन, पति, पत्नी ,बेटा, बेटी, पाप सब परिग्रह हैं। जो धन संपत्ति […]

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धूमधाम से मनाई गई सुगंध दशमी

भीलूड़ा। स्थानीय जैनमंदिर में सुगंध दशमी बड़े धूमधाम के साथ मनाई गई। वैज्ञानिक गुरुदेव कनक नंदी जी के सानिध्य में व पंडित मयंक और पंडित धनपाल शाह के सानिध्य में प्रातः कालीन पंचामृत मूलनायक शान्तिनाथ भगवान का अभिषेक शांति धारा की गई। श्रीफल परिवार के समन्वयक धर्मेन्द्र जैन ने बताया कि इसके पश्चात नित्य पूजन […]

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भारत में स्वतंत्रता नहीं स्वच्छंदता बढ़ गई है आचार्य कनकनंदी

भारत में स्वतंत्रता नहीं स्वच्छंदता बढ़ गई है आचार्य कनकनंदी भीलूड़ा भीलूड़ा शांतिनाथ मंदिर के सभा भवन में स्वतंत्रता दिवस पर विशेष उदबोधन देते हुए आचार्य कनकनंदी गुरुदेव ने अंतरराष्ट्रीय वेबीनार में बताया कि भारत पहले आर्य देश था। भारत की आध्यात्मिकता, नीति, शकुन, मनोविज्ञान, वास्तु कला, स्थापत्य कला ,शरीर विज्ञान, ध्यान, मनोविज्ञान आदि विषयों […]

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हर जीव में जिनेंद्र के दर्शन करता है परोपकारीः वैज्ञानिक धर्माचार्य कनक नंदी महाराज

भीलूड़ा । वैज्ञानिक धर्माचार्य कनक नंदी महाराज ने गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार मैं कहा कि रक्षाबंधन पर्व का प्राचीन नाम वात्सल्य पर्व है। सम्यक दर्शन, स्वाध्याय तथा सोलह कारण भावना के अंतिम में वात्सल्य तथा प्रभावना आती है। उन्होंने कहा कि धर्म का उपदेश तथा प्रभावना वात्सल्य के बिना नहीं हो सकती। गुरुवाणी भावों को शुद्ध […]

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रक्षाबंधन पर्व का प्राचीन नाम वात्सल्य पर्व है कनकनंदी गुरुदेव

रक्षाबंधन पर्व का प्राचीन नाम वात्सल्य पर्व है कनकनंदी गुरुदेव भीलूड़ा अभिनव श्रुत केवली वैज्ञानिक धर्माचार्य कनकनंदी गुरुदेव ने अंतरराष्ट्रीय वेबीनार में बताया कि रक्षाबंधन पर्व का प्राचीन नाम वात्सल्य पर्व है। विष्णु कुमार मुनि ने वात्सल्य भाव से ओतप्रोत होकर 500 मुनिराज जिन पर बलिराजा द्वारा उपसर्ग हो रहा था उनको बचाया। साधुओं की […]

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नैतिक राज्य नियमो का पालन नही करना चोरी है कनकनदी गुरुदेव

नैतिक राज्य नियमो का पालन नही करना चोरी है कनकनदी गुरुदेव भीलूड़ा आचार्य कनक नंदी गुरुदेव ने शांतिनाथ मंदिर में अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार को संबोधित करते हुए बताया कि तीर्थंकरों ने उपदेश परम शांति के लिए दिया है। नैतिक राज्य नियमों का पालन नहीं करना चोरी हैं। बिना परिश्रम जो कुछ कमाते हैं वह चोरी है। […]

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जो आत्म हित करे वह श्रमण है आचार्य कनकनदी

जो आत्म हित करे वह श्रमण है आचार्य कनकनदी भीलूड़ा शांतिनाथ मंदिर में विराजित वैज्ञानिक धर्माचार्य कनक नदी गुरुदेव ने अंतरराष्ट्रीय वेबीनार में बताया कि चींटी या अन्य कोई सूक्ष्मजीव अनजाने में मर जाने पर भी प्रायश्चित लेना चाहिए। उन्होनें कहा जो आत्म हित करे वह श्रमण है,एक उदाहरण से बताया की सांप काचली छोड़ […]

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सत्य का दुरुपयोग नही करना चाहिए कनकंनदी गुरुदेव

सत्य का दुरुपयोग नही करना चाहिए कनकंनदी गुरुदेव भीलूड़ा शांतिनाथ जैन मंदिर के स्वाध्याय भवन में स्वाध्याय तपस्वी वैज्ञानिक धर्माचार्य कनक नंदी गुरुदेव ने अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार में बताया कि सत्य का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। क्रोध, मान, माया, लोभ, परनिंदा, ईर्ष्या, द्वेष, घृणा आदि भाव असत्य हैं। जो असत्य है। परम सत्य के लिए जो […]

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अपशब्द बोलना मानसिक क्षमता को कम करता है कनकनन्दी आचार्य

अपशब्द बोलना मानसिक क्षमता को कम करता है कनकनन्दी आचार्य भीलूड़ा शांतिनाथ जिनालय भीलूड़ा में विराजित आचार्य कनक नंदी गुरुदेव ने अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में बताया कि शरीर विज्ञान के अनुसार ही दो कान है और एक मुंह है, विधि ने भी दो कान और एक मुह दिया है।अतः अधिक सुनना चाहिए बोलना कम चाहिए। अधिक […]

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