भोजन ही औषधि है, ऋतु के अनुसार हो भोजनचर्या – आचार्य कनकनन्दी
भीलूड़ा (राजस्था.) भोजन ही औषधि है। रासायनिक बदलाव के कारण ऋतु के अनुसार भोजन नहीं करने पर वह जहर बन जाता है। तुम्हारा शरीर वह है, जो तुम खाते हो ‘एज यू थिंक सो बिकम’- जैसा आप सोचते हैं, वैसा आप बन जाते हैं। यह बात आचार्य श्री कनकनंदी ने प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने […]
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