मुनि दीक्षा दिवस विशेषप्रशममूर्ति आचार्य श्री 108 शान्ति सागर जी महाराज ‘छाणी’

23 सितम्बर – मुनि दीक्षा दिवस विशेषप्रशममूर्ति आचार्य श्री 108 शान्ति सागर जी महाराज ‘छाणी’ परम पूज्य आचार्य श्री 108 शान्ति सागर जी महाराज ‘छाणी’ का जन्म सन 1888 में कार्तिक बदी ग्यारस को राजस्थान प्रान्त के उदयपुर नगर के समीप स्थित छाणी ग्राम में हुआ था| आपने सन 1922 में क्षुल्लक दीक्षा ग्रहण की […]

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ब्रह्ममयी शुद्धात्मा में रमण ही ब्रह्मचर्य धर्म है – आचार्य अतिवीर मुनि

रेवाड़ी। परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने दशलक्षण महापर्व के अवसर पर अतिशय क्षेत्र नसियां जी में आयोजित श्री तीस चौबीसी महामण्डल विधान के अवसर पर धर्म के दशम लक्षण “उत्तम ब्रह्मचर्य” की व्याख्या करते हुए कहा कि पर-द्रव्यों से रहित शुद्ध-बुद्ध अपनी आत्मा में जो चर्या अर्थात् लीनता होती है, उसे […]

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त्याग के अहं का त्याग करना आकिंचन्य धर्म है – आचार्य अतिवीर मुनि

रेवाड़ी। परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने दशलक्षण महापर्व के अवसर पर अतिशय क्षेत्र नसियां जी में आयोजित श्री तीस चौबीसी महामण्डल विधान में धर्म के नवम लक्षण “उत्तम आकिंचन्य” की व्याख्या करते हुए कहा कि त्याग करने के पश्चात् त्याग के अहं का भी त्याग करना आकिंचन्य धर्म है। ‘मैं’ और ‘मेरा’ […]

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पापों का मूलधन त्याग धर्म से समाप्त होता है – आचार्य अतिवीर मुनि

रेवाड़ी। परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने दशलक्षण महापर्व के अवसर पर अतिशय क्षेत्र नसिया जी में आयोजित श्री तीस चौबीसी महामण्डल विधान के अवसर पर धर्म के अष्टम लक्षण “उत्तम त्याग” की व्याख्या करते हुए कहा कि त्याग के बिना मनुष्य महान नहीं बनता और जब तक समस्त अंतरंग व बहिरंग परिग्रह […]

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तप वही जो कर्म-निर्जरा के लिए किया जाए – आचार्य अतिवीर मुनि

रेवाड़ी। परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने दशलक्षण पर्व के अवसर पर अतिशय क्षेत्र नसियां जी में आयोजित श्री तीस चौबीसी महामण्डल विधान में धर्म के सप्तम लक्षण “उत्तम तप” की व्याख्या करते हुए कहा कि “इच्छा निरोधः तपः” अर्थात् इच्छाओं का निरोध करना तप है। पवित्र विचारों के साथ शक्ति अनुसार की […]

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आत्मा को निर्मल करने के लिए संयम का साबुन जरूरी है – आचार्य अतिवीर मुनि

रेवाड़ी। परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने दशलक्षण महापर्व के अवसर पर अतिशय क्षेत्र नसिया जी में आयोजित श्री तीस चौबीसी महामण्डल विधान में धर्म के षष्टम लक्षण “उत्तम संयम” की व्याख्या करते हुए कहा कि संयम धारण किए बिना मोक्ष संभव नहीं है। पांच इंद्रियों और मन को नियंत्रित रखना इंद्रीय […]

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सत्य शब्दात्मक नहीं, अनुभवात्मक है- आचार्य अतिवीर मुनि

रेवाड़ी। परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने दशलक्षण महापर्व के अवसर पर अतिशय क्षेत्र नसिया जी में आयोजित श्री तीस चौबीसी महामण्डल विधान में धर्म के पंचम लक्षण “उत्तम सत्य” की व्याख्या करते हुए कहा कि झूठे वचनों का त्याग करना और आत्मा में सत्याचरण लाना सत्य धर्म है। जो वस्तु जैसी है, […]

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सम्यग्दर्शन के साथ शुचिता ही उत्तम शौच है – आचार्य अतिवीर मुनि

रेवाड़ी। परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने दशलक्षण महापर्व के अवसर पर अतिशय क्षेत्र नसिया जी में आयोजित श्री तीस चौबीसी महामण्डल विधान में धर्म के चतुर्थ लक्षण “उत्तम शौच” की व्याख्या करते हुए कहा कि शुचिता अर्थात् पवित्रता का नाम है शौच, जो कि लोभ कषाय के अभाव में प्रकट होता है। […]

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छल-कपट का अभाव ही आर्जव धर्म है – आचार्य अतिवीर मुनि

रेवाड़ी। परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने दशलक्षण महापर्व के अवसर पर अतिशय क्षेत्र नसिया जी में आयोजित श्री तीस चौबीसी महामण्डल विधान में धर्म के तृतीय लक्षण उत्तम आर्जव की व्याख्या करते हुए कहा कि ऋजुता अर्थात् सरलता का नाम आर्जव है। मायाचारी कभी सफलता नहीं पा सकता, आत्म-कल्याण के लिए सरल […]

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मृदुता अर्थात कोमलता का नाम मार्दव है, मान (अहंकार) के अभाव में ही मार्दव धर्म प्रकट होता है – आचार्य अतिवीर मुनिराज

रेवाड़ी। जो मनस्वी पुरुष कुल, रूप, जाति, बुद्धि, तप, शास्त्र और शीलादि के विषयों में घमंड नहीं करता, उसका मार्दव धर्म होता है। जब तक मार्दव धर्म के विपरीत मान विद्यमान है तब तक वह मार्दव धर्म को प्रकट नहीं होने देता। मृदुता अर्थात् कोमलता का नाम मार्दव है और मान (अहंकार) के अभाव में ही […]

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जैसे-जैसे क्षमा का प्रकाश हमारे भीतर प्रकट होता जायेगा, वैसे-वैसे ही क्रोध रुपी अंधकार स्वयं हमारे भीतर से लुप्त होता जायेगा-आचार्य अतिवीर मुनिराज

रेवाड़ी  ।  परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज ने दसलक्षण महापर्व के अवसर पर अतिशय क्षेत्र नसिया जी में आयोजित श्री तीस चौबीसी महामण्डल विधान में धर्म के प्रथम लक्षण “उत्तम क्षमा” की व्याख्या करते हुए कहा कि क्षमा आत्मा का स्वभाव है| इसके विभाव रूप परिणमन से ही जीव क्रोधी हो जाता है […]

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रेवाड़ी में ऐतिहासिक रहा भगवान पार्श्वनाथ निर्वाण महोत्सव

रेवाड़ी में ऐतिहासिक रहा भगवान पार्श्वनाथ निर्वाण महोत्सव उज्जवल भविष्य हेतु तीर्थ संरक्षण के लिए आगे आएं – आचार्य अतिवीर मुनि प्रशममूर्ति आचार्य श्री 108 शान्तिसागर जी महाराज (छाणी) परंपरा के प्रमुख संत परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज के परम पावन सान्निध्य में जैन दर्शन के 23वें तीर्थंकर श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान […]

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तीज महोत्सव में हुए रंगारंग कार्यक्रम

तीज महोत्सव में हुए रंगारंग कार्यक्रम  रेवाड़ी जैन समाज की समस्त महिला मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में सावन माह में हरियाली तीज महोत्सव के अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम का भव्य आयोजन दिनांक 30 जुलाई 2022 को अतिशय क्षेत्र नसियां जी स्थित अकलंक शरणालय सभागार में किया गया। इस अवसर पर सभी महिलाएं उत्साहपूर्वक हरे व […]

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रेवाड़ी में संपन्न आचार्य अतिवीर मुनिराज का चातुर्मास कलश स्थापना

रेवाड़ी में संपन्न आचार्य अतिवीर मुनिराज का चातुर्मास कलश स्थापना नगर में लगा जैनों का कुम्भ, टूटे सभी रिकॉर्ड हरियाणा की पुण्यधरा पर प्रथम बार धर्मनगरी रेवाड़ी में प्रशममूर्ति आचार्य श्री 108 शान्ति सागर जी महाराज ‘छाणी’ परंपरा के प्रमुख संत परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज के 17वें मंगल चातुर्मास कलश स्थापना समारोह […]

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आचार्य अतिवीर मुनिराज का रेवाड़ी में हुआ ऐतिहासिक प्रवेश

नगर में पहली बार उमड़ा भारी जनसमुदाय रेवाड़ी प्रशममूर्ति आचार्य श्री १०८ शान्तिसागर जी महाराज (छाणी) परम्परा के प्रमुख संत परम पूज्य आचार्य श्री १०८ अतिवीर जी मुनिराज के हरियाणा की धर्मनगरी रेवाड़ी में मंगल चातुर्मास हेतु आगमन पर जैन समाज द्वारा ऐतिहासिक स्वागत किया गया। आचार्य श्री राजधानी दिल्ली से लगभग 150 कि.मी. का […]

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रेवाड़ी में होगा आचार्य अतिवीर जी महाराज का चातुर्मास

रेवाड़ी में होगा आचार्य अतिवीर जीमहाराज का चातुर्मास रेवाड़ी प्रशममूर्ति आचार्य श्री 108 शान्तिसागर जी महाराज (छाणी) परंपरा के प्रमुख संत परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी महाराज का मंगल चातुर्मास 2022 हरियाणा की पुण्यधरा पर प्रथम बार स्थापित होने जा रहा है। पिछले लगभग 14 वर्षों से पीतल नगरी रेवाड़ी की सकल जैन […]

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