अपने घर को स्वर्ग बनाने या नरक बनाने की जिम्मेदारी एक माँ की हुआ करती सुप्रभ साग़र जी

अपने घर को स्वर्ग बनाने या नरक बनाने की जिम्मेदारी एक माँ की हुआ करती सुप्रभ साग़र जी विदिशा एक स्त्री एक मां का स्थान श्रेष्ठ हुआ करता है।अपने घर को स्वर्ग बनाने या नरक बनाने की जिम्मेदारी एक माँ की हुआ करती है। सशक्तिकरण का अर्थ यह नहीं कि स्त्री और पुरुष की आपस […]

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चांदी की पालकी में भगवान विराजमान कर निकला चल समारोह, उदयगिरि में श्री 1008 शीतलनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक, महामस्तकाभिषेक एवं निर्वाण लाडू चढ़ाया गया

चांदी की पालकी में भगवान विराजमान कर निकला चल समारोह, उदयगिरि में श्री 1008 शीतलनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक, महामस्तकाभिषेक एवं निर्वाण लाडू चढ़ाया गया विदिशा। श्री 1008 शीतलनाथ भगवान की चार कल्याण से सुशोभित भद्दलपुर(विदिशा) की पावन भूमि पर प्रतिवर्षानुसार 1008 श्री शीतलनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक भव्य रूप से मनाया गया ।शीतल अष्टमी […]

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सज्जन पुरुष की सज्जनता को लोग तभी तक याद रखते है जब तक वह समाज में रहकर श्रैष्ठ कार्य करता है मुनि श्री

सज्जन पुरुष की सज्जनता को लोग तभी तक याद रखते है जब तक वह समाज में रहकर श्रैष्ठ कार्य करता है मुनि श्रीविदिशा फूल की सुगंध तभी तक याद रहती है जब तक कि कांटा नहीं चुभता। लेकिन जैसे ही कांटा चुभता है तो व्यक्ति तुरंत उस फूल की सुगंध को भूल जाता है, उसी […]

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हिंसात्मक शब्द बोलना ही अधर्म है सुप्रभसाग़र जी

हिंसात्मक शब्द बोलना ही अधर्म है सुप्रभसाग़र जी विदिशा पूज्य मुनि श्री सुप्रभसाग़र जी महाराज ने अपने उदबोधन में कहा * ”हिंसात्मक शव्द बोलना ही अधर्म है,तो सीधे सीधे हिंसा को धर्म मानना कंहा तक उचित है? जंहा पर राग है द्वेष है, क्या दूसरों को दुःख दैने से आपको सुख मिल सकता है?”उपरोक्त उदगार […]

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