देव शास्त्र गुरुओं के समक्ष वेश भूषा खानपान की विकृति स्वयम के लिए धातक आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी

देव शास्त्र गुरुओं के समक्ष वेश भूषा खानपान की विकृति स्वयम के लिए धातक आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महावीर जी पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी मे विराजित हैआचार्य श्री ने देव शास्त्र एवम गुरुओं के समक्ष वेश भूषा एवम खानपान की विकृति पर चिंता व्यक्त […]

Continue Reading

दीक्षा स्थली शान्तिवीर नगर महावीर जी मे होगी दीक्षाएं

दीक्षा स्थली शान्तिवीर नगर महावीर जी मे होगी दीक्षाएं महावीर जी वात्सल्य वारिधि पंचम पट्टाधीश 108 आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी अतिशय क्षेत्र महावीर जी मे ससंघ विराजित है।आचार्य श्री का 73 वर्ष वर्द्धन दिवस यादगार बना । तीन बाल ब्रह्मचारणी दीदियों ने दीक्षा हेतु श्रीफल समर्पित कर दीक्षा हेतु निवेदन किया। श्री महावीर जी […]

Continue Reading

दीक्षा की और अग्रसर नेहा दीदी

दीक्षा की और अग्रसर नेहा दीदी संयम पथ पर बढ़ती गयीजीवन को उन्नत करती गयीत्यागी व्रती से अब दीक्षार्थी हो गयीअपने जीवन को धन्य कर गयीसंयम पथ पर बढ़ते हुए दीक्षार्थी नेहा दीदी को विजयादशमी को श्री महावीरजी तीर्थ पर वात्सलय वारिधि वर्धमान सागर महाराज के द्वारा आर्यिका दीक्षा प्रदान की जाएगी हम उनके जीवन […]

Continue Reading

दीक्षा से पहले साधना दीदी की होगी भव्य गोद भराई

श्री महावीर जी। परम पूज्य पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारिधि, पंचम पट्टाधीश108 आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी के परम आशीर्वाद से सात प्रतिमाधारी मातुश्री साधना दीदी की दीक्षा विजया दशमी पर महावीर जी अतिशय क्षेत्र, राजस्थान में होगी। दीक्षा पूर्व दीक्षार्थी ब्रह्मचारिणी साधना दीदी की गोद भराई का कार्यक्रम होगा। आगामी 13 सितंबर को शाम सात […]

Continue Reading

पर पदार्थो परिग्रहों के प्रति ममत्व भाव हटाना आकिंचन्य धर्म है आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी संघस्थ 7 प्रतिमा धारी साधना दीदी ने आज आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी के समक्ष ब्राह्य परिग्रह घर सभी चल अचल संपत्ति का आजीवन त्याग किया।

पर पदार्थो परिग्रहों के प्रति ममत्व भाव हटाना आकिंचन्य धर्म हैआचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी संघस्थ 7 प्रतिमा धारी साधना दीदी ने आज आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी के समक्ष ब्राह्य परिग्रह घर सभी चल अचल संपत्ति का आजीवन त्याग किया।श्री महावीरजीश्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी में विराजमान वात्सल्य वारिधि पंचम पट्टाधीश […]

Continue Reading

पर पदार्थो परिग्रहों के प्रति ममत्व भाव हटाना आकिंचन्य धर्म – आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी

श्री महावीरजी। श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी में विराजमान वात्सल्य वारिधि पंचम पट्टाधीश 108 आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज ने दशलक्षण पर्व के नौवें दिन गुरुवार को आकिंचन्य धर्म की विवेचना की। आप अकेला अवतरे मरे अकेला होय, यो कबहु इस जीव का साथी सगा न कोय। बारह भावना की यह पंक्तियां […]

Continue Reading

त्याग न हो स्वयं के यश या ख्याति के लिए – आचार्य श्री वर्द्धमान सागर महाराज

श्री महावीरजी। दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी में विराजमान वात्सल्य वारिधि पंचम पट्टा धीश आचार्य श्री 108 वर्धमान सागर जी ने दशलक्षण धर्म के अंतर्गत आठवें दिन त्याग धर्म की विवेचना की। उन्होंने कहा कि आज दशलक्षण महापर्व का 8वां दिन है। आठ का अंक यह संदेश देता है कि हमें 8 कर्मों का […]

Continue Reading

तप चिंतामणि रत्न है, इससे ही होगी मोक्ष प्राप्ति – आचार्य श्री वर्धमान सागर महाराज

श्री महावीर जी। दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी में विराजमान वात्सल्य वारिधि पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री 108 वर्धमान सागर जी ने दशलक्षण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म की विवेचना की। आचार्य श्री ने बताया कि सभी संसारी जीवों की आत्मा कर्मों से बंधी है। यदि आप आत्मा को परमात्मा बनाना चाहते हैं […]

Continue Reading

संयम के पालन से जीवन मंगलमय होगाः वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी

महावीर जी। पंचेन्द्रिय के विषय, सार रहित हैं, भय उत्पन्न करने वाले हैं, संसार भ्रमण में दुख देने वाले हैं, संसार में सुख नहीं मिलता, इंद्रिय नाशवान हैं, निम्न स्थान को प्राप्त कराने वाले हैं, इन्द्रिय विषय के भोग से सेवन से। आर्त् ध्यान उत्पन्न होता है। यह पंचेन्द्रिय विषय नरक निगोद में ले जाते […]

Continue Reading

रत्नत्रय रूपी संयम से हम वास्तविक घर सिद्धालय को प्राप्त कर सकते हैं । संयम के पालन से जीवन मंगलमय होगा। आचार्य श्री वर्धमान सागर जी

रत्नत्रय रूपी संयम से हम वास्तविक घर सिद्धालय को प्राप्त कर सकते हैं ।संयम के पालन से जीवन मंगलमय होगा। आचार्य श्री वर्धमान सागर जी श्री महावीर जी पंचेन्द्रिय के विषय , सार रहित है ,भय उत्पन्न करने वाले हैं ,संसार भ्रमण में दुख देने वाले हैं ,संसार में सुख नहीं मिलता ,इंद्रिय नाशवान है […]

Continue Reading

जीवन में कुटिलता को छोड़कर सरलता को धारण करें – आचार्य वर्द्धमान सागर महाराज

महावीर जी। वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महावीर जी ने दशलक्षण पर्व के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म के बारे दिवस बताया कि क्रोध छोड़ने से क्षमा धर्म प्रकट होता है, मान छोड़ने से मार्दव धर्म प्रकट होता है, इसी प्रकार मायाचारी छोड़ने से आर्जव धर्म प्रकट होता है। आर्जव धर्म का सरल आशय […]

Continue Reading

जीवन में कुटिलता को छोड़कर सरलता को धारण करें वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी

जीवन में कुटिलता को छोड़कर सरलता को धारण करेंवात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी श्री महावीर जी वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी ने महावीर जी में दश लक्षण पर्व के तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म के दिवस बताया कि क्रोध छोड़ने से क्षमा धर्म प्रकट होता है ,मान छोड़ने से मार्दव धर्म […]

Continue Reading

आत्मा में धर्म के बीजारोपण से मोक्ष रूपी फल मिलेगा आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी

आत्मा में धर्म के बीजारोपण से मोक्ष रूपी फल मिलेगाआचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महावीर जी आज दश लक्षण पर्व का दूसरा दिन मार्दव धर्म का दिन है।कषाय मुख्य रूप से चार होती हैक्रोध ,मान, माया, ओर लोभ कल क्रोध को समाप्त करने से क्षमा धर्म प्रगट हुआ, आज मान कषाय को हटाने से मार्दव […]

Continue Reading

जीवन में विकृति विकार दूर कर परमात्मा पद पाने का करें पुरुषार्थ

श्री महावीर जी। सारा संसार विषय और कषायों से भरा हुआ है, अनादि काल से आप कितने भवों में भ्रमण कर रहे हैं। विषय और कषाय हितकारी नहीं हैं, इसलिए आप दुखी हैं। यह मंगल देशना वात्सलय वारिधि पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी ने पर्युषण पर्व पर साधना शिक्षण शिविर में प्रथम दिन उत्तम […]

Continue Reading

जीवन मे विकृति विकार दूर कर परमात्म पद पाने का पुरुषार्थ कर मानव जीवन को सफल बनावे  आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी

जीवन मे विकृति विकार दूर कर परमात्म पद पाने का पुरुषार्थ कर मानव जीवन को सफल बनावे  आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी श्री महावीरजी सारा संसार विषय और कषायों से भरा हुआ है, अनादि काल से आप कितने भवो में भ्रमण कर रहे हैं । विषय और कषाय हितकारी नहीं है इसलिए आप दुखी है […]

Continue Reading

वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी ने दीक्षा स्थली श्री महावीर जी में दी दो दीक्षाएं

महावीर जी। प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवती आचार्य श्री शांतिसागरजी की अक्षुण्ण मूल बाल ब्रह्मचारी पट्ट परम्परा के पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी वर्ष 2022 का वर्षायोग श्री महावीर जी अतिशय क्षेत्र में कर रहे है। इसी मौके पर सोमवार को 68 वर्षिय नरेन्द्र अखावत का नूतन नामकरण मुनि श्री प्रबुद्ध सागर जी और […]

Continue Reading

केशलोंच दीक्षार्थी शांतिदेवी का दीक्षा से पूर्व

केशलोंच दीक्षार्थी शांतिदेवी का दीक्षा से पूर्व आज महावीर जी दीक्षार्थी प्रतिमा धारी शांता देवी के दीक्षा के पूर्व केश लोचन सचमुच स्वयम हाथो से केशलोचन करना एक भावुक कर देने वाला क्षण होता हमे जब हल्की सी कोई सुई को चुबो देता है कितना दर्द और पीड़ा होती है ऐसे क्षण हर किसी की […]

Continue Reading

आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महावीर जी मे पति एवम पत्नी को दिगम्बर दीक्षा 29 अगस्त को देगे।

आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महावीर जी मे पति एवम पत्नी को दिगम्बर दीक्षा 29 अगस्त को देगे। श्री महावीर जी एक ओर जहां राजनीति में परिवारवाद ,भाई भतीजावाद देखने को मिलता है ।चाहे ग्राम पंचायत का पंच सरपंच हो या पार्षद पद हो या विधायक पद हो सांसद पद मंत्री का पद हो सब […]

Continue Reading

वात्सलय वारिधि आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज द्वारा 29 को होगी दीक्षाए व 28को दीक्षार्थी द्वारा किया जाएगा गणधर बलय विधान

वात्सलय वारिधि आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज द्वारा 29 को होगी दीक्षाए व 28को दीक्षार्थी द्वारा किया जाएगा गणधर बलय विधान श्री महावीर जी 24 वे तीर्थंकर श्री महावीर स्वामी अतिशय क्षेत्र ,आर्यिका श्री गुणमति माताजी के जन्म नगरी तथा दीक्षा स्थली, साधुओं की निर्वाण समाधि भूमि में 29 अगस्त को होगी 24 वी दीक्षा […]

Continue Reading

श्री महावीर जी मे वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महाराज को आगामी पंच कल्याणक हेतु उदयपुर समाज द्वारा श्रीफल अर्पित किशनगढ़ समाज भी करेगी निवेदन

श्री महावीर जी मे वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महाराज को आगामी पंच कल्याणक हेतु उदयपुर समाज द्वारा श्रीफल अर्पित किशनगढ़ समाज भी करेगी निवेदन श्री महावीर जी प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवती आचार्य श्री 108 शान्तिसागर जी महाराज की अक्षुण्ण मूल बाल ब्रह्मचारी पट्ट परम्परा के पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी महाराज […]

Continue Reading