● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय●
● प्राकृत जैनागम मूलग्रन्थ स्वाध्याय● Day 08 : : द्रव्यसंग्रह गाथा 08ग्रंथकार- आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेवप्रस्तुति- डॉ. पुलक गोयल, जबलपुर पुग्गल-कम्मादीणंकत्ता ववहारदो दु णिच्छयदो।चेदण-कम्माणादासुद्ध-णया सुद्ध-भावाणं।।8।। Video के द्वारा अर्थ समझने के लिए click करें Full playlist द्रव्यसंग्रह | आचार्य नेमिचन्द्र सिद्धान्तिदेव | गाथा 01-58 | शुद्ध पाठ | शब्दार्थ | व्याकरणिक विश्लेषण | व्याख्या नए सदस्यों […]